नए आपराधिक कानून-2023 पर आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला का समापन

Update: 2024-05-26 13:21 GMT
श्रीगंगानगर । नए आपराधिक कानून-2023 पर न्यायिक अधिकारियों, अभियोजकों और अधिवक्ताओं की कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला का समापन रविवार को हुआ। इस दौरान साक्ष्य अधिनियम, डिजिटल साक्ष्य, इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य और जमानत संबंधी सुधार पर चर्चा की गई।
श्रीगंगानगर लेबर कोर्ट न्यायाधीश श्री अशोक चौधरी की अध्यक्षता में दूसरे दिन की कार्यशाला में नए कानून भारतीय न्याय संहिता के तहत आरोपियों के जमानत याचिका, सजा के नए प्रावधान, संपत्ति कुर्की में अड़चन, भारतीय साक्ष्य अधिनियम में इलेक्ट्रानिक साक्ष्य, डिजिटल साक्ष्य, मौखिक साक्ष्य, दस्तावेजी साक्ष्य के अलावा नए तीनों कानूनों के बारे में संशय संबंधित सवाल-जवाब पर विचार-विमर्श किया गया।
कार्यशाला के दौरान प्रतिभागियों को अवगत करवाया गया कि भारतीय न्याय संहिता में 358 धाराएं शामिल की गई हैं। इसमें नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म और मॉब लिचिंग जैसे अपराध में मौत की सजा का प्रावधान किया गया है। भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता में 531 धाराओं में अलग-अलग शक्तियां दी गई हैं। इसमें जांच और सुनवाई पूरी होने के बाद 30 दिन के भीतर फैसला देने का प्रावधान शामिल किया गया है।
इस अवसर पर न्यायाधीश श्री मदन गोपाल आर्य फैमिली कोर्ट नं. 01 श्रीगंगानगर, सुश्री शैल कुमारी सोलंकी फैमिली कोर्ट नं. 02 श्रीगंगानगर, श्री अजय कुमार भोजक विशिष्ठ न्यायाधीश एनडीपीएस कोर्ट श्रीगंगानगर, श्रीमती अनु चौधरी एसीडी कोर्ट श्रीगंगानगर, श्री सुरेंद्र खरे विशिष्ठ न्यायाधीश पोक्सो केसेस सं. 01 श्रीगंगानगर, श्री महेंद्र के. एस. सोलंकी अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश सं. 01 श्रीगंगानगर, श्री कमल लोहिया अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश सं. 02 श्रीगंगानगर, श्री आरिफ मोहम्मद खान चायल एससीएसटी कोर्ट श्रीगंगानगर, विशिष्ठ न्यायाधीश महिला उत्पीड़न प्रकरण श्रीगंगानगर, श्री मनीष कुमार अग्रवाल, श्री गजेंद्र सिंह तेनगुरिया डीएलएसए श्रीगंगानगर, श्रीमती सरिता चौधरी मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्रीगंगानगर, जिले के अन्य न्यायिक अधिकारीगण, अधिवक्ता गण, लीगल सेल के डिफ़ेन्स कॉउंसलर, लोक अभियोजक, बार संघ सदस्य सहित अन्य मौजूद रहे। (फोटो सहित)
Tags:    

Similar News

-->