सीएम गहलोत ने संतों की मांगे मानी, भरतपुर में धार्मिक क्षेत्र में संचालित खनन कार्य प्रतिबंधित

राजस्थान के भरतपुर जिले में अवैध खनन रोकने की मांग गहलोत सरकार ने पूरी कर दी है।

Update: 2022-08-01 02:21 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। राजस्थान के भरतपुर जिले में अवैध खनन रोकने की मांग गहलोत सरकार ने पूरी कर दी है। साधुओं की मांग को ध्यान में रखते हुए धार्मिक महत्व वाले क्षेत्र में चल रहे सभी प्रकार की खनन को प्रतिबंधित करने के लिए सरकार ने सैद्धांतिक सहमति दे दी है। सीएम गहलोत ने रविवार को मुख्यमंत्री निवास पर भरतपुर के पसोपा व आस-पास के गांवों से आए साधु, महंत, जनप्रतिनिधि तथा ग्रामीणों का प्रतिनिधिमंडल मिला। सीएम गहलोत ने प्रतिनिधिमंडल की मांग को पूरा करने का विश्वास दिलाया। सीएम गहलोत ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा त्वरित निर्णय करके उक्त क्षेत्र की सभी वैध खनन गतिविधियां बंद कराने के निर्देश दिए जा चुके हैं। साथ ही इस भूमि को वन विभाग को हस्तातंरित कर दिया गया है। पूर्व में भी संतों की मांग पर सरकार द्वारा क्षेत्र में चल रही वैध खानों को बंद करवाया गया था। वर्तमान में 46 वैध खानों को बंद कराने व अन्यत्र स्थानान्तरित करने का कार्य किया जा रहा हैं।

महंत विजयदास महाराज के नाम से द्वार का निर्माण
सीएम गहलोत ने कहा कि साधु-संतों ने बातचीत में स्वीकार किया कि यह एक जटिल प्रक्रिया है तथा उन्होंने इसे दो महीने में पूर्ण की मांग की, जिस पर सरकार ने इस समयसीमा में सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन दिया। शगहलोत ने कहा कि क्षेत्र के ग्रामीण जिनकी आजीविका खानों पर निर्भर थी, उनकी समझाईश करने में भी समय लगता है परन्तु फिर भी कार्य तेजी से आगे बढ़ा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय लोगों द्वारा जिला प्रशासन को दी गई मांगों में से डीग सीकरी मार्ग से पशुपति नाथ मंदिर तक सड़क निर्माण, दिवंगत महंत विजयदास जी के नाम से द्वार का निर्माण तथा पशुपति नाथ मंदिर पहाड़ के ऊपर हाईमास्ट लाईट लगाने की मांगें स्वीकार कर ली गई है। पशुपति नाथ मंदिर के भव्य निर्माण व बिजलीघर स्वीकृत करने पर भी तेजी से कार्य किया जा रहा है।
धार्मिक स्थलों पर सुविधाओं का होगा विस्तार
पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने बताया कि पर्यटन एवं देवस्थान विभाग की टीमों द्वारा आदिबद्री तथा कनकांचल आदि क्षेत्रों का दौरा करके विकास के 84 कार्यों की पहचान की जा चुकी है। इनमें मुख्य रूप से आदिबद्री धाम में यात्री सुविधाओं का विकास, छतरी निर्माण, गौरी कुण्ड का जीर्णोद्धार, यात्रियों के लिए आरामगृह आदि कार्य हैं। इन कार्यों के लिए सर्वे किया जा चुका है तथा जल्द इनको पूरा करवाया जाएगा। प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने बताया कि राज्य सरकार के निर्देश से धरना समाप्ति के तुरन्त बाद ही प्रशासन ने पसोपा व आस-पास के क्षेत्र में सड़क एवं स्वागत द्वार के निर्माण कार्यों हेतु स्वीकृति जारी कर दी है। प्रतिनिधिमंडल ने भरतपुर के पसोपा में बृज क्षेत्र के पर्वतों की रक्षा करने के लिए तथा विभिन्न विकास कार्यों के लिए अपनी मांगें मुख्यमंत्री के समक्ष रखी, जिनमें मुख्य रूप से क्षेत्र में पर्यटन एवं विकास की संभावनाओं से संबंधित मांगें शामिल थी।
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