सफाईकर्मियों ने धर्म परिवर्तन कर काली दिवाली मनाई, महिनों से रुकी मजदूरी

Update: 2022-10-25 18:23 GMT
बाड़मेर। न्यू अम्बेडकर कॉलोनी निवासी अनुसूचित जाति वर्ग के सफाईकर्मी मजदूरों की 3 माह 20 दिन की मजदूरी ठेकेदार को 6 माह से रोके जाने व ठेकेदार के मुनीम द्वारा दलित सफाईकर्मी मजदूरों को काम से हटाने से उनके परिवार पर आर्थिक संकट आ गया, जिससे उनका घर चलाना मुश्किल हो गया। अनुसूचित जाति वर्ग के 49 सफाईकर्मियों का पीड़ित परिवार 5 दिन से धरना व भूख हड़ताल पर बैठे थे। मगर उनकी सुनवाई नहीं हुई। पीड़ितों ने प्रशासन को सरकार के नाम कई बार ज्ञापन भी दिए मगर उनकी सुनवाई नहीं होने से शनिवार को आहत होकर उन्हें सद्बुद्धि देने कलक्टर कार्यालय के सामने सिर मुडवा विरोध जताया। फिर भी कोई सुनवाई नहीं होने से रविवार सुबह धनतेरस पर संविधान निमार्ता डॉ. भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा के सामने शपथ लेकर हिंदू धर्म परिवर्तन कर तालाब में मूर्ति पूजा का सामान बहा कर काली दिवाली मनाई। जिसकी खबर सुनकर धरने पर उपखंड अधिकारी समन्दरसिंह भाटी, उप पुलिस अधीक्षक आनंदसिंह राजपुरोहित, हल्का थानाधिकारी चनदरसिंह भाटी पटवारी सहित कई अधिकारी मौके पर पहुंचे।
इस दौरान भामाशाह लॉयन कलब अध्यक्ष एडवोकेट मुकेश जैन बाड़मेर टीम अध्यक्ष सुरेश जाटोल ने धरनार्थियों को मिठाई व दीपक भेंट किये। वाल्मीकि शहीद की पत्नी विमला हंस ने 11 हजार रुपए धरनार्थियों को सहयोग के लिए दिये और आश्वस्त किया। दीपावली के बाद सभी को बकाया राशि का भुगतान किया जाएगा और उन्हें मजदूरी पर वापिस लगाया जाएगा। जिस पर सहमति जता धरना स्थगित किया गया। एडवोकेट नवलकिशोर लीलावत के नेतृत्व में दलित मजदूरों ने अपने भोमियां, देवताओं की तस्वीरे गले का ताबीज हाथ का डोरा नारियल लाल कपड़ा हाथ के कड़े मणियों की मालाएं व मूर्ति पूजा का सामान तालाब में बहाकर हिंदू धर्म को हमेशा से लिए छोड़ दिया और न्याय की मांग की।
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