Bundi: प्राइवेटाइजेशन के खिलाफ महापड़ाव का ऐलान
"किसानों ने प्रशासन को दिया 10 दिन का अल्टीमेटम"
बूंदी: किसानों ने माधोराजपुरा विद्युत ग्रेड को निजी हाथों में सौंपने के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया। बड़ी संख्या में किसान एकत्र होकर बिजली विभाग कार्यालय पर धरने पर बैठ गए और निजीकरण के खिलाफ प्रदर्शन करने लगे। जैसे ही अधिकारियों को इसकी सूचना मिली तो तहसीलदार और अधीक्षण अभियंता तुरंत मौके पर पहुंचे। उन्होंने किसानों की बात सुनी और उन्हें कार्रवाई का आश्वासन देकर उनका धरना समाप्त कराया।
हम बिजली विभाग को तालाबंदी कर देंगे: धरना समाप्त करने से पहले किसानों ने प्रशासन को 10 दिन का समय देते हुए कहा कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे 20 जनवरी को बिजली विभाग कार्यालय पर ताला जड़ देंगे और अनिश्चितकाल के लिए धरने पर बैठ जाएंगे। किसान नेता गिरिराज गौतम ने कहा कि उन्होंने 7 दिन पहले बिजली विभाग को चेतावनी दी थी, लेकिन प्रशासन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। इसको लेकर किसानों में काफी गुस्सा है। किसान किसी भी कीमत पर निजीकरण बर्दाश्त नहीं करेंगे।
अंत तक लड़ने की घोषणा: गौतम ने कहा, 'अगर प्रशासन इस मुद्दे को लेकर गंभीर नहीं है तो उन्हें इसके परिणाम भुगतने होंगे।' ग्रामीणों की सहमति के बिना पुरानी व्यवस्था को बदलना किसानों के हित में नहीं है। बिजली व्यवस्था को निजी हाथों में देना ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की तरह है, जिसे ग्रामीण कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। यदि वे 20 तारीख से पहले कोई निर्णय नहीं लेते हैं तो लड़ाई अंतिम चरण तक पहुंच जाएगी।
'गांव में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी'
किसानों से बात करने आए बूंदी के अधीक्षण अभियंता और तहसीलदार ने किसानों से फोन पर बात की और कहा कि वे किसानों की मांगों को जयपुर में उच्च अधिकारियों तक पहुंचा देंगे। यहां किसानों ने चेतावनी दी कि किसानों की सहमति के बिना किसी भी निजी कंपनी के व्यक्ति को गांवों में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा।