Baran: धान व अन्य फसलों के प्रतिबंधित अवशेष जलाने पर होगी दंडात्मक कार्यवाही

Update: 2024-10-08 11:56 GMT
Baran बारां । संयुक्त निदेशक कृषि विस्तार अतीश कुमार शर्मा ने बताया कि जिले के कृषि बाहुल्य क्षेत्रों में धान व अन्य फसलों के अवशेष जलाने पर प्रतिबंध लगा रखा है। इसके बावजूद जिले में फसलों के अवशेष जलाने की घटनाएं हुई है। इसका खुलासा भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान नई दिल्ली द्वारा सैटेलाइट इमेजेज के माध्यम से की जा रही मॉनिटरिंग से हुआ है। खरीफ 2024 में सोयाबीन व धान की कटाई चल रही है। सोयाबीन व धान की फसल के अवशेष, कचरा को काश्तकारों की ओर से आग लगाए जाने के कारण न केवल धुंए से वायु प्रदूषण फैलता है, जबकि हरे पेड़ भी जल जाते हैं। इससे अग्नि से सम्पति, जान-माल की हानि होने की संभावना बनी रहती है। वायु प्रदूषण से
आमजन प्रभावित हो रहा है।
सैटेलाइट में अक्टूबर-नवम्बर माह में सोयाबीन व धान फसल के अवशेषों को जलाए जाने की घटनाएं दर्ज होती है तो घटना का संज्ञान लेते हुए विभाग के द्वारा जुर्माना लगाया जा सकता है। राजस्थान सरकार द्वारा पुलिस विभाग की सक्रिय भागीदारी हेतु भी परिपत्र जारी किया गया है जिसमे प्रावधान है कि जिस थानाधिकारी क्षेत्र में फसल अवशेषों में आग लगाने की घटना होगी उनमें सम्बन्धित थानाधिकारी द्वारा भी कार्यवाही की जाएगी। राजस्थान राज्य अधिसूचना 27 अगस्त 2015 के द्वारा वायु अवशेष 19 (5) (प्रदुषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम 1961 के तहत् फसल अवशेष जलाना प्रतिबंधित किया गया है। राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने फसल अवशेषों को के अनुसार रू 2500/- ( 2 एकड़ से कम), रू5000 / - (2-5 एकड ) और रू अधिक) प्रति घटना जुर्माना लगाने का प्रावधान किया है। उक्त आदेश की अवहेलना दंड संहिता की धारा 188 एवं अन्य सुसंगत धाराओं के तहत दंडित किया जाएगा।
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