Churu चूरू । जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डाइट) चूरू में मंगलवार को मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी गोविंद सिंह राठौड़ की अध्यक्षता में पांच दिवसीय ई-कंटेंट निर्माण कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। इस कार्यशाला का उद्देश्य विद्यार्थियों के लिए विभिन्न विषयों को सरल और रोचक ढंग से प्रस्तुत करने के लिए नवीनतम डिजिटल टूल्स का उपयोग करना है। कार्यशाला में वीडियो, सिमुलेशन, पॉडकास्ट, एनीमेशन, और गेम जैसे ई-कंटेंट निर्माण के कई नवीन तरीके अपनाए जा रहे हैं।
मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी एवं डाइट प्राचार्य गोविंद सिंह राठौड़ ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि बदलते समय के साथ शैक्षणिक परिदृश्य में बड़ा बदलाव आ रहा है। इसमें ई-कंटेंट का भी बहुत महत्त्व है। नई शिक्षा नीति में शिक्षा के डिजिटलीकरण और गुणवत्ता को प्राथमिकता दी गई है। ई-कंटेंट न केवल छात्रों को शिक्षा का नवीन अनुभव प्रदान करता है बल्कि उनके समझने के कौशल को भी बढ़ाता है। डिजिटल युग में शिक्षकों के लिए यह आवश्यक है कि वे नए तरीकों को अपनाकर विद्यार्थियों को आकर्षित कर सकें और शिक्षा को सजीव बना सकें। ई-कंटेंट के माध्यम से न केवल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि बच्चों के सीखने में रुचि भी बढ़ेगी।
कार्यशाला की रूपरेखा प्रभाग अध्यक्ष और डाइट के उप प्राचार्य नरेंद्र उपाध्याय ने प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि इस कार्यशाला में शिक्षकों को डिजिटल टूल्स के साथ-साथ शिक्षण शास्त्र की आधुनिक तकनीकों से भी परिचित कराया जा रहा है। यह प्रशिक्षण शिक्षकों को डिजिटल सामग्री का निर्माण करने में कुशल बनाएगा, जो शिक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
राज्य संदर्भ व्यक्ति एवं उपप्राचार्य सुनील कुमार शर्मा ने ई-कंटेंट निर्माण के विभिन्न पहलुओं पर जानकारी दी और इसके फायदों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि ई-कंटेंट की मदद से बच्चों को विषय वस्तु को गहराई से समझाने में सहायता मिलेगी, और उन्हें आत्मनिर्भरता की दिशा में भी प्रोत्साहन मिलेगा।
इस अवसर पर गोपीचंद जांगिड़ ने शिक्षण शास्त्र के बारे में विचार साझा किए। सुरेश डूडी और दशरथ नैण ने कार्यशाला को सफल बनाने में सहयोगी भूमिका निभाई।
इस पांच दिवसीय कार्यशाला के माध्यम से चूरू के शिक्षकों को ई-कंटेंट निर्माण की तकनीकों में दक्षता मिलेगी, जिससे क्षेत्र में डिजिटल शिक्षा को नई दिशा मिलेगी।