बैंक अधिकारियों ने गरीब लोगों के 8.5 लाख का किया गबन

Update: 2023-02-09 14:12 GMT
टोंक। टोंक भारत फाइनेंस इंक्लूजन लिमिटेड (इंडसइंड बैंक) की शाखा में करीब साढ़े आठ लाख रुपए के गबन का मामला सामने आया है। अफसरों ने पहले दस्तावेजों से फर्जी लोन दिया और बाद में किट से एटीएम कार्ड चुराकर रकम निकाल ली। आदर्श नगर थाना पुलिस ने शाखा प्रबंधक की रिपोर्ट पर मामला दर्ज किया है। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है। आरोपी अधिकारी अजमेर सहित सीकर, जयपुर, टोंक, नागौर के रहने वाले हैं।
अलवर निवासी भारत फाइनेंस इंक्लूजन लिमिटेड (इंडसइंड बैंक) शाखा अजमेर रिटेल के शाखा प्रबंधक नरेंद्र सिंह पुत्र शिवदयाल ने बताया कि कंपनी इंडसइंड बैंक लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है। जो बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट 1949 के तहत काम करता है। इंडसइंड बैंक द्वारा अपने बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट (बीसी) के रूप में नियुक्त किया गया। छोटे व्यापारियों को कर्ज देने और उनकी वसूली का काम ऋण अधिकारी करते हैं। इसके साथ ही वे बैंक में बचत खाता भी खुलवाते हैं, जब बचत खाता खोला जाता है तो वे उसके साथ व्यापारी को एक बिजनेस किट भी देते हैं। उस बिजनेस किट के अंदर उसका ए.टी. एम. कार्ड और व्यवसाय से संबंधित अन्य सामग्री।
शाखा में कार्यरत सोनभद्र (उत्तर प्रदेश) निवासी सतीश कुमार कुशवाहा (शाखा प्रबंधक), पुत्र लाल बहादुर कुशवाहा निवासी फुलेरा, जयपुर, शंकरलाल शर्मा (शाखा साख प्रबंधक), पुत्र नाथूराम शर्मा निवासी मडोता , सीकर, सुरेश फगेरिया पुत्र शिवपाल सिंह, निवासी रियामबाड़ी, डोडियाना, नागौर, मुकेश चौधरी, पुत्र भैरू, सेदरिया, अजमेर, पुत्र संजू, पुत्र हरजीत कथत, राहुल कुमावत, पुत्र रोहिताश कुमावत पुत्र रोहिताश कुमावत निवासी विराटनगर मालीवाला जयपुर, मनीष कुमार मीणा पुत्र रामपाल मीणा पुत्र झुण्डवा टोंक। दुरुपयोग।
लोन लेने वाले सदस्य के दस्तावेज से फर्जी लोन बनवाकर उसकी किट से एटीएम खुलवाया। कार्ड चुरा लिया और उसके खाते से सारे पैसे निकाल लिए। इसकी सूचना उच्चाधिकारियों को दी गई, तब उच्चाधिकारियों ने जिन व्यापारियों से पैसे लिए थे, उनके लिखित बयान फील्ड वेरिफिकेशन के बाद करवाए और सत्यापन के आधार पर सतीश कुमार, शंकरलाल, सुरेश फगेरिया, मुकेश चौधरी, संजू, राहुल कुमावत, मनीष कुमार की ओर से कुल 8 लाख 35 हजार 245 रुपये का गबन प्रमाणित पाया गया, जब उनसे गबन की गई राशि वापस करने के लिए कहा गया, तो उन्होंने मना कर दिया और धमकी दी कि अगर उन्होंने कोई कार्रवाई करने की कोशिश की, तो परिणाम गंभीर होंगे. पुलिस ने मामला दर्ज कर एएसआई मांगाराम को जांच सौंपी है।
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