आश्रयहीन, असहाय और बीमार प्रभुजनों के रेस्क्यू के लिए जिले में 2 व 3 मार्च को संचालित होगा अभियान
बून्दी । देश को आश्रयहीन, असहाय और बीमार रहित बनाने के लिए आश्रयहीन असहाय लावारिस प्रभुस्वरूप पीड़ित मुक्त राजस्थान अभियान पूरे प्रदेश में शुरू किया गया है। अपना घर आश्रम भरतपुर तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के संयुक्त तत्वाधान में संचालित यह अभियान कोटा संभाग में आगामी 5 मार्च तक चलेगा।
कोटा संभाग में भी रेस्क्यू अभियान शुरू कर दिया गया है। इसके तहत बूंदी जिले में 2 एवं 3 मार्च को संस्था की 4 एम्बुलेंस इन दो दिनों में क्रियाशील रहेंगी और सभी तहसील, कस्बों एवं गांव ढाणियों से ऐसे असहाय, लावारिस, आश्रयहीन प्रभुजनों को रेस्क्यू कर अपना घर आश्रम कोटा में प्रवेश दिलाएंगी।
अतिरिक्त जिला कलक्टर ने ली बैठक
राज्य सरकार की मंशानुरूप अभियान के क्रियान्वयन को लेकर शुक्रवार अतिरिक्त जिला कलक्टर घनश्याम शर्मा ने भरतपुर मुख्यालय द्वारा नियुक्त अभियान के प्रभारी विनोद सिंघल एवं अपना घर आश्रम कोटा की महिला प्रमुख प्रतिभा शर्मा के साथ बैठक लेकर विस्तृत चर्चा कर अभियान की सफलता के लिए कार्ययोजना तैयार की गई।
बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर ने बताया कि कि अभियान के लिए संस्था द्वारा पर्याप्त संख्या में बैड, गददा, तकिया, चादर, बिजली पानी, मनोरंजन, चिकित्सा आदि की व्यवस्थाएं की गई है। साथ ही जरूरतों के अनुसार स्टाफ को रखा गया है।
बैठक में अभियान के प्रभारी विनोद सिंघल ने बताया कि संस्था द्वारा राजस्थान राज्य में 22 अपना घर आश्रमों का संचालन किया जा रहा है। रेस्क्यू होने वाले प्रभुजनों को नजदीकी आश्रमों में भेजा जाएगा, वहां स्थान कम होने या गंभीर बीमार होने की स्थिति में प्रभुजनों को भरतपुर आश्रम भेजा जाएगा। इस अभियान में महिला प्रभुजनों को रेस्क्यू करने के लिए महिला सेवा साथियों को रेस्क्यू टीम में नियुक्त किया गया है।
उन्होंने बताया कि अभियान के अंतर्गत 18 वर्ष से अधिक उम्र के असहाय, लावारिस, बीमार प्रभुजनों को रेस्क्यू किया जा सकेगा। जिन प्रभुजनों को रेस्क्यू किया जाएगा, इसकी सूचना संबंधित थाने में दिए जाने के उपरांत रेस्क्यू किया जा सकेगा। सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग ऐसे प्रभुजनों को चिन्हित करेंग। साथ ही संस्था ने हेल्पलाइन नंबर 8764396812, 9950737673 भी जारी किया गया है। इस हेल्पलाइन नम्बर पर आम नागरिक सूचना दे सकेंगे।
उन्होंने बताया कि सूचना मिलने पर ऐसे प्रभुजनों को अपना घर आश्रम कोटा की टीम द्वारा रेस्क्यू कर लाया जाएगा तथा आश्रम में लाकर सभी आवश्यकताएं जैसे आवास, चिकित्सा भोजन के साथ जीवन यापन की सभी आवश्यकताएं उपलब्ध कराई जाएंगी। अधिक काॅल आने की स्थिति में एंबुलेंस की आवश्यकता होने पर 100 एम्बुलेंस तक किराए पर ली जा सकेगी। जिसके किराए का भुगतान संस्था द्वारा किया जाएगा।