कोटा: 113 साल पुराना राजकीय कला महाविद्यालय कोटा विकास को तरस रहा है। विद्यार्थियों के अनुपात में कक्षा-कक्ष नहीं हैं। वर्तमान में 8 हजार 500 स्टूडेंट्स नियमित अध्ययनरत हैं। जिनके मुकाबले कक्षा-कक्षों की संख्या 40 के करीब है। जबकि, जरूरत 100 से अधिक क्लासरूम की है। कक्षा कक्षों की कमी के कारण कुछ संकायों की क्लासें जुबली हॉस्टल के पीछे बने 10 कमरों के नए आर्ट्स कॉलेज में लगानी पड़ती है। पढ़ाई के लिए स्टूडेंट्स को कभी पुराने तो कभी नए कॉलेज की ओर दौड़ लगानी पड़ती है। छात्र दोहरी मार झेल रहे हैं। समय की बर्बादी के साथ मानसिक रूप से भी परेशान हो रहे हैं। वहीं, गवर्नमेंट कॉलेज में अधिकतर क्लासरूम क्षतिग्रस्त हैं। कहीं फर्श टूटा हुआ है तो कहीं दीवारों व छतों का प्लास्टर उखड़ा हुआ है। जबकि, यूआईटी ने करोड़ों रुपए खर्च कर कॉलेज को बाहर से तो चमका दिया लेकिन अंदर के हालात खस्ताहाल हैं। महाविद्यालय में छात्रों से जुड़ी व्यवस्थाएं बदहाल है। जिसमें सुधार की जरूरत है।
नए-पुराने कॉलेजों में चलानी पड़ रही क्लासें
छात्रसंघ अध्यक्ष मनीष सामरिया ने बताया कि जरूरत के मुताबिक कॉलेज में कक्षा-कक्ष नहीं है। जिसकी वजह से यहां सभी संकायों की क्लासें संचालित नहीं हो पाती। हालांकि कॉलेज प्रशासन ने वैकल्पिक व्यवस्था कर कुछ संकाय की नए कॉलेज में टाइम-टेबल के अनुसार कक्षाएं संचालित करवाई जा रही है। ऐसे में विद्यार्थी कभी पुराने तो कभी नए कॉलेज के चक्कर काटने को मजबूर हैं।
सुविधा घर बदहाल, दुर्गंध से सांस लेना दुश्वार
छात्रसंघ अध्यक्ष सामरिया ने कहा कि कॉलेज में दो बयॉज टॉयलट है। इनमें से एक मैदान स्थित टॉयलट पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुका है। सीवरेज मैदान में ही जमा रहता है। जबकि, इसके आसपास ज्योग्राफी, चित्रकलां सहित अन्य डिपार्टमेंट हैं। यहां आने जाने के दौरान विद्यार्थियों का दुर्गंध से बुरा हाल हो रहा है। वहीं, मार्कशीट जारी करने का कमरा भी इसी तरफ है। यहां कतारों में खड़े रहकर मार्कशीट लेनी पड़ती है। घंटोें इंजतार के दौरान छात्रों को बदबू से सांस लेना तक दुश्वार हो जाता है।
प्लास्टर उखड़ा, दरवाजे टूटे
आर्ट्स कॉलेज में अधिकतर कक्षा-कक्षों की स्थिति बदहाल है। कहीं छतों का तो कहीं दीवारों का प्लास्टर उखड़ा हुआ है। दीवारों पर बड़ी-बड़ी दरारें आ रही हैं। प्लास्टर झर-झर गिरता है। खिड़कियों के दरवाजे, कांच व जालियां टूटे हैं। सर्द हवाओं के झौंके से स्टूडेंट्स ठिठुर जाते हैं। वहीं बिजली की पुरानी वायरिंग भी खुली पड़ी हैं, जिससे करंट का खतरा बना रहता है। छात्रों ने कॉलेज प्रशासन से भी इसकी शिकायत की लेकिन समाधान नहीं हुआ।
टूटे फर्श पैरों को दे रहे जख्म
सामरिया ने बताया कि कमरा नंबर 50 व 52 में फर्श टूटे हुए हैं। जगह-जगह से पत्थर उखड़े हुए हैं। क्लास में आने के दौरान विद्यार्थियों के पैरों में चोट लगती है। कॉलेज प्रशासन से क्षतिग्रस्त फर्श की मरम्मत करवाने की मांग की थी लेकिन सुनवाई नहीं हुई। हाल ही में कुछ छात्रों के चोट लगने से पैर जख्मी हो गया था। आए दिन चोट लगती रहती है। शिक्षकों को भी समस्या से अवगत करा चुके हैं। तीन माह में दो प्राचार्य रिटायर्ड हो चुके हैं। स्थाई प्राचार्य नहीं होने से समस्याओं का निराकरण भी नहीं हो पा रहा। हालात यह हो रहे हैं कि शिकायत किससे कहां करें कोई सुनने वाला ही नहीं है।
सीसीटीवी कैमरे नहीं, वाहन हो चुके चोरी
छात्रों ने बताया कि कॉलेज में प्राचार्य कक्ष के अलावा कहीं भी सीसीटीवी कैमरे नहीं है। परीक्षाओं के समय पार्किंग से छात्रों के वाहन चोरी हो चुके हैं। वहीं, महाविद्यालय में छात्राएं भी पढ़ती हैं। जिनकी सुरक्षा के लिहाज से भी सीसीटीवी कैमरों की उपयोगिता है। पूर्व में कॉलेज प्रशासन को इसके बारे में अवगत कराया था, लेकिन इस दिशा में अभी तक कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाए गए।
बाहर से चमकाया, अंदर से खस्ताहाल
सामरिया ने बताया कि यूआईटी ने करोड़ों रुपए खर्च कर कॉलेज का बाहरी हिस्सा चमका कर हैरिटेज लुक बना दिया। फोकस लाइटें लगाकर सौंदर्य में चार चांद लगा दिए लेकिन अंदर से हो रहे खस्ताहाल कॉलेज की दशा सुधारने पर न तो नगर विकास न्यास सुध ले रहा और न ही कॉलेज प्रशासन।
8.50 हजार स्टूडेंट्स पर 40 कक्षा-कक्ष
गवर्नमेंट आर्ट्स कॉलेज कोटा में वर्तमान में 8 हजार 500 विद्यार्थी नियमित अध्ययनरत हैं। 40 से 50 कमरों में ही क्लासें संचालित की जा रही है, जो स्टूडेंट्स की संख्या के मुकाबले पर्याप्त नहीं है। जबकि, 100 से अधिक कक्षा-कक्ष की जरूरत है। ऐसे में सभी संकायों की क्लासें यहां संचालित नहीं हो पाती। हालांकि महाविद्यालय प्रशासन ने रास्ता निकालते हुए जुबली हॉस्टल के पीछे बने 10 कमरों के नए आर्ट्स कॉलेज में टाइम टेबल के हिसाब से क्लासें लगाने की व्यवस्था की है। लेकिन इस व्यवस्था से विद्यार्थी संतुष्ट नहीं है। क्योंकि, उन्हें कुछ सब्जेक्ट की क्लासें नए कॉलेज में तो कुछ की क्लास पुराने कॉलेज में अटैंड करनी पड़ती है।
बिजली के बोर्ड, दरवाजे व पंखें टूटे
प्रथम वर्ष के छात्र करण चौधरी ने बताया कि अधिकतर कक्षा-कक्षों में बिजली के बोर्ड टूटे हुए हैं। कई जगहों पर तो वायरिंग कटी हुई है। जिससे करंट का खतरा बना रहता है। वहीं, रिदम शर्मा का कहना है पंखें टूटे हुए हैं। लाइटें लगी हुई हैं लेकिन उन्हें आॅन करने के लिए बिजली के बोर्ड पर बटन तक नहीं है। ऐसे में क्लास में अंधेरा रहता है। कक्षा में पीछे बैठने वाले छात्र को बोर्ड पर शिक्षक द्वारा क्या लिखा गया वह भी दिखाई नहीं देता। इसके अलावा एसबी-1 हॉल में दरवाजे टूटे हैं। जिनकी मरम्मत पर कॉलेज प्रशासन का ध्यान तक नहीं है।
वर्ष 2016 में गवर्नमेंट कॉलेज कोटा का बंटवारा हुआ था। उस दौरान जो साधन-संसाधन हमें मिले, उनमें बेहतर काम कर शिक्षा उपलब्ध करवा रहे हैं। हमारी प्राथमिकता विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना है। हालांकि, प्राचार्य का कार्यभार ग्रहण किए मुझे अभी 15 दिन ही हुए हैं। वहीं,वित्तीय अधिकार सप्ताहभर पहले ही मिले हैं। छात्रों से शिकायत मिली है, जिसे भूमि भवन निर्माण समिति की बैठक में रख चर्चा करेंगे। समस्याओं का सर्वे कराएंगे। जहां मरम्मत की आवश्यकता होगी, वहां तुरंत मरम्मत करवाएंगे। कॉलेज व छात्र हित में कदम उठाए जाएंगे।
- सीमा सोरल, प्राचार्य, राजकीय कला महाविद्यालय कोटा
मेरे कार्यकाल में सभी कक्षा-कक्षों में बिजली, पंखें, बोर्ड सही हालत में थे। कहीं कुछ खराब था तो उसे ठीक करवाकर सुचारू रूप से संचालित की जा रही थी। मेरे ट्रांसफर के बाद गवर्नमेंट आर्ट्स कॉलेज में यदि ऐसे हालात हैं तो कहीं न कहीं विद्यार्थियों को इसके बारे में सोचना चाहिए। विद्यार्थी अपनी जिम्मेदारी समझे और कॉलेज के विकास में सहयोग करना चाहिए।
- डॉ. संजय भार्गव, पूर्व प्राचार्य राजकीय कला महाविद्यालय कोटा