BREAKING: व्हीकल सर्विस के नाम पर की करोड़ों की ठगी, गिरोह गिरफ्तार

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Update: 2025-01-17 16:45 GMT
Jodhpur. जोधपुर। देश में व्हीकल सर्विस के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह को जोधपुर पुलिस ने पकड़ा है। इस गिरोह में 12 लड़कियां और 3 लड़के है। सभी ने मिलकर पावर ब्रेक डाउन सर्विस इंडिया और सोल्यूशन ब्रेकडाउन इंडिया नाम से फर्जी कॉल सेंटर बना रखा था। यहां बैठकर वाहन चालकों को कम कीमत पर सर्विस का झांसा देते थे। इसके लिए 3500 रुपए में एक मेंबरशिप कार्ड बनाते थे। वाहन चालक के फंसने और रुपए आने पर अपना नंबर बंद कर देते थे। इस तरीके से दो साल में करीब 7 करोड़ रुपए की ठगी कर चुके है। DCP जोधपुर वेस्ट राजर्षी राज ने बताया- साइबर सेल पर इस तरीके की ठगी की शिकायत मिली थी। इसके बाद कुड़ी भगतासनी, भगत की कोठी और बासनी पुलिस ने मिलकर अलग-अलग कॉल सेंटरों पर कार्रवाई कर 15 लड़के-लड़कियों को गिरफ्तार किया है।

पिछले दो सालों से कॉल सेंटर चलाया जा रहा था। जिस कंपनी से वाहन चालकों का डाटा लेते थे। उसे 5 रुपए प्रति कस्टमर पे करते थे। DCP ने बताया- एक कॉल सेंटर कुड़ी हाउसिंग बोर्ड थाने के सेक्टर 9 रणबंका होटल के सामने एक मकान पर बनाया हुआ था। ठगों ने मकान किराए पर लिया था। यहां पर पावर ब्रेक डाउन सर्विस इंडिया और सोल्यूशन ब्रेकडाउन इंडिया नाम से फर्जी कॉल सेंटर चला रहे थे। यहां से दो लड़के और 10 महिलाओं को गिरफ्तार कर फर्जी सिम कार्ड, मोबाइल नंबर, पंजाब, हरियाणा, कर्नाटक, झारखंड, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश सहित अन्य राज्यों के वाहन मालिकों के नाम, पते और मोबाइल नंबरों की सूची बरामद की गई। दूसरा कॉल सेंटर नेशनल ब्रेकडाउन सर्विस टू इंडिया भगत की कोठी थाने के
DDP
नगर मधुबन में चल रहा था। कॉल सेंटर से कंप्यूटर सेटअप, 1 प्रिंटर, 13 मोबाइल फोन, 18 सिम कार्ड और 4 डेबिट कार्ड बरामद किए गए।

दोनों कॉल सेंटर से एक तरीके से वाहन चालकों को अपने जाल में फंसाया जा रहा था। आरोपियों से पूछताछ में सामने आया कि कॉल सेंटर से देशभर के वाहन मालिकों को कॉल किया जाता था। कॉल सेंटर की लड़कियां 3500 रुपए मेंबरशिप कार्ड बनाकर 5 साल वाहन की फ्री सर्विस का झांसा देती थी। वाहन चालकों को कहा जाता था कि देशभर में कहीं भी उनकी गाड़ी खराब होती है तो वहां के नजदीकी सर्विस सेंटर से तकनीशियन उनकी गाड़ी को ठीक करने आएगा। इसके लिए कोई चार्ज नहीं लिया जाएगा। वाहन
चालक
के झांसे में आने पर किराए के बैंक खातों में रुपए ट्रांसफर करवाया जाता था। मेंबरशिप कार्ड डाक के जरिए भेजने की बात कही जाती थी। रुपए आने पर अपना नंबर बंद कर देते थे। पूछताछ में सामने आया कि गैंग के सरगना 3 युवक है। वो लड़कियों को वाहन चालकों को फंसाने का टारगेट देते थे। एक वाहन चालक के फंसने पर 700 रुपए कमीशन दिया जाता था। हर लड़की को दिन में 15 से 20 कॉल करने का टास्क दिया जाता था। इसके लिए अलग-अलग मोबाइल नंबरों का उपयोग किया जाता था। ग्राहकों को फंसाने के बाद इन सिमों को तोड़कर नई सिम लेते थे।
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