सूरजमुखी किसानों के हक में बाजार भाव का अध्ययन कर जल्द लेंगे फैसलाः मुख्यमंत्री

Update: 2023-06-11 13:07 GMT

चंडीगढ़। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सूरजमुखी किसानों को बड़ी राहत देते हुए 36414 एकड़ के लिए 8528 किसानों को अंतरिम भावांतर भरपाई राशि के रूप में 29 करोड़ 13 लाख 12 हजार रुपए की राशि डिजिटल माध्यम से सीधे किसानों के खातों में भेजी।

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि सूरजमुखी किसानों के लिए सरकार सकारात्मक निर्णय लेगी। बाजार मूल्य के बारे में एक विस्तृत अध्ययन चल रहा है और एक बार यह प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद हम एक महत्वपूर्ण घोषणा करेंगे। उन्होंने कड़ा संदेश दिया कि कुछ लोग यह दावा कर किसानों में भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं कि सरकार को किसानों की परवाह नहीं है, यह पूरी तरह गलत है। हमारी सरकार निरंतर किसानों के साथ है।

मुख्यमंत्री शनिवार को यहां एक पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार और हमारी सरकार ने जिस तरह की किसान हितैषी नीतियां शुरू की हैं। जो वित्तीय सहायता हम दे रहे हैं, वह पिछली सरकारों की तुलना में बहुत अधिक है। प्रधानमंत्री ने किसानों के कल्याण के लिए उल्लेखनीय काम किया है। हर साल एमएसपी बढ़ाना इस बात का स्पष्ट संकेत है कि केंद्र सरकार किसान हितैषी है।

एमएसपी को लेकर सूरजमुखी किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हमने एमएसपी पर बाजरा खरीदा, तो पता चला कि दूसरे राज्यों के किसान भी अपनी बाजरा की फसल हमारी मंडियों में बेच रहे हैं। इससे अंतरराज्यीय स्मगलिंग का मुद्दा पैदा हो गया। अब सूरजमुखी की खरीद में भी ऐसी ही संभावना पैदा हो रही है, इसलिए एहतियात के तौर पर हमने अंतरिम भरपाई की घोषणा की है, क्योंकि बाजार की दरों में उतार-चढ़ाव बना रहता है।

उन्होंने कहा कि पहली बार सूरजमुखी की फसल की खरीद हमारी सरकार ने ही शुरू की थी। पिछले 5 वर्षों से सरकार सूरजमुखी की खरीद कर रही है। हरियाणा में सूरजमुखी की खरीद 4800 रुपए प्रति क्विंटल पर की जा रही है। जबकि पंजाब में 4000-4200 रुपए में खरीद हो रही है। इसलिए हमें संदेह है कि पंजाब से भी हमारी मंडियों में फसल आ सकती है।

राजनीति करने वालों के बहकावे में न आएं किसानः

मुख्यमंत्री ने किसानों से अपील करते हुए कहाकि कुछ राजनीतिक लोग और किसान संगठन किसान शब्द को लेकर राजनीति कर रहे हैं। किसानों को बदनाम करने का काम कर रहे हैं। इसलिए किसान ऐसे लोगों के बहकावे में न आएं। उन्होंने कहा कि राजमार्गों को अवरुद्ध करना किसी बात का समाधान नहीं है। लोकतंत्र में हम किसी की स्वतंत्रता में बाधा नहीं डाल सकते। हमने किसानों के साथ सकारात्मक बातचीत की। अदालत की ओर से रास्ता खाली करवाने का आदेश दिया था। पुलिस ने अदालत के फैसले का पालन किया।

विधायक का हमें कोई इस्तीफा नहीं मिलाः

शुगरफेड के चेयरमैन व विधायक रामकरण के इस्तीफे के बारे में अफवाहों पर कटाक्ष करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि शुगरफेड के चेयरमैन होने के नाते इस्तीफा उनके पास आना चाहिए। अभी तक इस्तीफा नहीं आया है और हम अभी भी इस्तीफा ढूंढ रहे हैं। कभी-कभी दबाव के कारण ऐसे बयान दिए जाते हैं। गठबंधन है और रहेगा, कोई दिक्कत नहीं है

भाजपा-जजपा गठबंधन टूटने के संबंध में पूछे गए एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि गठबंधन जनकल्याण के लिए किया गया है और मजबूती से चल रहा है आगे भी रहेगा। इसमें कहीं कोई दिक्कत नहीं है। उन्होंने कहा कि संगठनात्मक बातें अलग होती हैं और सरकार चलाना अलग विषय होता है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी उमाशंकर, मुख्यमंत्री के उप प्रधान सचिव के मकरंद पांडुरंग और कृषि विभाग के निदेशक नरहरी सिंह बांगड़ सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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