कोख में मौजूद बच्चे को गोद नहीं लिया जा सकत, अभिभावकों को सौंपा जाए बच्चा : पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने बेहद अहम फैसला सुनाते हुए यह स्पष्ट कर दिया कि कोख में मौजूद बच्चे को गोद नहीं लिया जा सकता।

Update: 2022-06-30 04:39 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने बेहद अहम फैसला सुनाते हुए यह स्पष्ट कर दिया कि कोख में मौजूद बच्चे को गोद नहीं लिया जा सकता। हाईकोर्ट ने अब बच्चे को गोद लेने वाले दंपती को बच्चा असल माता-पिता को सौंपने का आदेश दिया है।

पटियाला निवासी पूजा रानी ने बंदीकर मुक्ति याचिका दाखिल करते हुए अपने नवजात शिशु को गोद लेने वाले माता-पिता से वापस दिलाने की हाईकोर्ट से मांग की थी। याची ने बताया कि उसकी कोख में बच्चा था तो प्रतिवादी पक्ष ने इस बच्चे को गोद लेने की इच्छा जताई थी। इसके बाद जब 23 मई 2022 को बच्चा पैदा हुआ तो वह कागजी समझौते के आधार पर उस बच्चे को ले गए। याची ने कहा कि इस प्रकार उनके पास बच्चे को गोद लेने से जुड़ा कोई पंजीकृत प्रमाणपत्र नहीं है। याची ने अपील की कि उसे उसका बच्चा लौटाया जाए।
कोर्ट ने जब प्रतिवादी पक्ष से इस बारे में पूछा तो उन्होंने याची पक्ष की दलीलों को स्वीकार किया। कोर्ट ने कहा कि हिंदू अडॉप्शन एक्ट में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जिसके तहत कोख में मौजूद बच्चे को गोद लिया जा सके। कोर्ट ने कहा कि गोद लेने से जुड़ा कोई पंजीकृत दस्तावेज न होने के चलते बच्चे को उसके असल माता-पिता को सौंपा जाना चाहिए। कोर्ट ने प्रतिवादी पक्ष को आदेश दिया कि वह बच्चे को उसके असल माता-पिता को सौंपे। बच्चे को गोद लेने से जुड़ा यदि कोई दावा करना चाहते हैं तो वह उसके लिए उचित मंच पर जाकर फरियाद लगा सकते हैं।
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