दुष्कर्म के मामला: जांच अधिकारी प्रवीण कौर को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने दिया बड़ा झटका
दुष्कर्म के मामले में शिकायतकर्ता से रिश्वत लेने की आरोपी जांच अधिकारी प्रवीण कौर को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने बड़ा झटका देते हुए अग्रिम जमानत से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि यह आचरण विनाशकारी है जो आम लोगों का पुलिस में विश्वास हिला देने वाला है। हालांकि याचिकाकर्ता एक महिला है लेकिन आरोप इतने गंभीर हैं कि यह भी जमानत के उद्देश्य से उसके काम नहीं आ सकता।
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें दुष्कर्म के मामले में पीड़ित महिला से जांच अधिकारी रिश्वत लेते दिखाई दे रही थी। इस मामले का संज्ञान लेते हुए पंजाब पुलिस ने उच्चस्तरीय जांच आरंभ की थी और मोहाली में भ्रष्टाचार निवारक अधिनियम में मामला दर्ज किया था। इस मामले में जमानत की मांग करते हुए जांच अधिकारी प्रवीण कौर ने हाईकोर्ट की शरण ली थी। याचिकाकर्ता डेराबस्सी थाने में एएसआई के तौर पर कार्य कर रही थी।
जस्टिस अनूप चितकारा ने जमानत याचिका को खारिज करते हुए कहा कि याची जघन्य अपराध में जांचकर्ता थी। दुष्कर्म के मामले में आरोपी पर आरोप सत्य न पाए जाने पर दोषमुक्त करते हुए शिकायतकर्ता के खिलाफ कार्रवाई शुरू की जा रही थी। ऐसे में जांच अधिकारी का शिकायतकर्ता से पैसे लेते हुए वायरल हुआ वीडियो बेहद गंभीर मामला है। याची का आचरण इतना विनाशकारी है कि यह आम लोगों का जांच एजेंसी में विश्वास हिला देने वाला है। लोगों के बीच यह संदेश जाता है कि कैसे कुछ अनैतिक लोग दंडात्मक प्रावधानों का दुरुपयोग करते हैं। यदि यह वीडियो वायरल न होता तो इस गुप्त सौदे के बारे में किसी को पता नहीं चलता।
हाईकोर्ट ने कहा कि भले ही शिकायतकर्ता का लोगों पर झूठे मामले दर्ज करने वाला अतीत हो लेकिन यह भी याची का बचाव नहीं हो सकता। याची एक पुलिस अधिकारी है, उस पर आरोप है कि उसने शिकायतकर्ता का शोषण शुरू किया, निर्दोष लोगों को फंसाकर न्याय के मार्ग में बाधा डालने का काम किया। याची की तरह अनैतिक और भ्रष्ट अधिकारी न केवल निर्दोष लोगों के साथ अन्याय करते हैं, बल्कि उनके पेशे की अखंडता को भी नुकसान पहुंचाते हैं।