राहुल लेंगे सीनियर नेताओं की बैठक सिद्धू-चन्नी विवाद और कैप्टन के नई पार्टी बनाने के एलान से हाईकमान की चिंता बढ़ी

अपनी नई पार्टी के साथ भाजपा से गठबंधन के रास्ते खुले रखने के कैप्टन के एलान ने पंजाब में कांग्रेस को बड़ी राहत दी है। पार्टी हाईकमान का मानना है कि राज्य के जो विधायक और नेता कैप्टन के साथ जा सकते थे, भाजपा से गठबंधन को देखते हुए कैप्टन से दूरी बनाए रखने में ही अपनी भलाई समझेंगे

Update: 2021-10-21 17:35 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेसक | जाब कांग्रेस में नवजोत सिद्धू और सीएम चरणजीत चन्नी के बीच मचे घमासान के बीच पूर्व सीएम अमरिंदर सिंह द्वारा नई पार्टी बनाने के एलान ने कांग्रेस हाईकमान की चिंता बढ़ा दी है। हाईकमान मान रही है कि प्रदेश कांग्रेस की अंदरूनी कलह अगले दो महीने में खत्म नहीं हुई तो टिकट बंटवारे के मौके पर पार्टी के करीब 30-40 विधायक कैप्टन के साथ खड़े दिखाई दे सकते हैं। इससे परेशान पार्टी उन विधायकों की सूची बनाने में जुट गई है, जो भविष्य में कैप्टन के पाले में जा सकते हैं। वहीं कैप्टन स्वयं भी दावा कर चुके हैं कि प्रदेश कांग्रेस के कई नेता लगातार उनके संपर्क में हैं।

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फिलहाल कांग्रेस की ओर से यही दावा किया जा रहा है कि कैप्टन की नई पार्टी का पंजाब में कांग्रेस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा और न ही पार्टी को कैप्टन से किसी तरह का नुकसान होगा। लेकिन कैप्टन की ओर से अपनी पार्टी के गठन का एलान किए जाने के साथ ही पंजाब कांग्रेस के अनेक सीनियर नेताओं ने जिस तरह कैप्टन के खिलाफ मोरचा खोला, उसे सियासी हलकों में कांग्रेस में फैली घबराहट मानी जा रही है। 

बागी रुख वाले नेताओं की सूची हो रही तैयार

हाईकमान प्रदेश के उन नेताओं की सूची भी तैयार करने लगा है, जो विधानसभा चुनाव में बागी रुख अपनाते हुए कैप्टन से जुड़ सकते हैं। ऐसे करीब 40 विधायक हैं, जो कैप्टन सरकार और अब चन्नी सरकार के दौरान पार्टी द्वारा अनदेखा किए जाने से आहत हैं। ये ऐसे विधायक हैं, जो न तो कभी सिद्धू के पक्ष में खुलकर सामने आए और न ही कैप्टन के समर्थन में। अब इन विधायकों की चिंता आगामी विधानसभा चुनाव में टिकट को लेकर है, क्योंकि टिकट बंटवारे पर भले ही अंतिम फैसला हाईकमान का होगा, लेकिन नामों की सूची पंजाब में प्रदेश प्रधान नवजोत सिद्धू द्वारा चन्नी की सलाह के बिना फाइनल की गई, तो विवाद चरम पर पहुंचना तय है।

पंजाब के नेताओं से अगले हफ्ते मिल सकते हैं राहुल 

सूत्रों के अनुसार बुधवार को कैप्टन के कदम को देखते हुए पार्टी के पूर्व प्रधान राहुल गांधी ने पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश रावत के साथ विचार-विमर्श किया। इस दौरान सिद्धू और चन्नी के बीच जारी विवाद पर भी चर्चा हुई, जिसके बाद राहुल ने अगले हफ्ते दिल्ली में सूबे के सीनियर कांग्रेसी नेताओं के साथ बैठक करने का फैसला किया है। 

कैप्टन के भाजपा से गठजोड़ से कांग्रेस को राह

अपनी नई पार्टी के साथ भाजपा से गठबंधन के रास्ते खुले रखने के कैप्टन के एलान ने पंजाब में कांग्रेस को बड़ी राहत दी है। पार्टी हाईकमान का मानना है कि राज्य के जो विधायक और नेता कैप्टन के साथ जा सकते थे, भाजपा से गठबंधन को देखते हुए कैप्टन से दूरी बनाए रखने में ही अपनी भलाई समझेंगे। वहीं प्रदेश कांग्रेस नेताओं ने भी कैप्टन के खिलाफ हमलों में भाजपा से गठबंधन को मुख्य मुद्दा बना लिया है। कांग्रेस नेता अब कैप्टन और भाजपा के बीच साठगांठ के खुलकर आरोप लगा रहे हैं और इसके दम पर हरीश रावत ने भी कहा कि कांग्रेस को पंजाब में कैप्टन की पार्टी से कोई खतरा नहीं है।

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