पंजाब में कोयले की कमी से बिजली संकट, निजी थर्मल प्लांटों के पास मात्र डेढ़ से सात दिनों का कोयला बचा

पंजाब के निजी पवार प्लांटों में कोयले के संकट ने बिजली उत्पादन को प्रभावित किया है।

Update: 2022-03-21 05:02 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पंजाब के निजी पवार प्लांटों में कोयले के संकट ने बिजली उत्पादन को प्रभावित किया है। जिसके चलते तेज गर्मी में बिजली की बढ़ी मांग को पूरा करने के लिए पावरकॉम ने बाहर से (ओपन एक्सचेंज) से महंगी बिजली खरीदनी शुरू कर दी है। रविवार को पंजाब में बिजली की अधिकतम मांग 7622 मेगावाट दर्ज की गई। इस मांग को पूरा करने के लिए पावरकॉम ने बाहर से करीब 3400 मेगावाट बिजली ली।

बताया जा रहा है कि यह बिजली पावरकॉम को सात रुपये प्रति यूनिट के रेट से मिली। गौरतलब है कि यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध के चलते बाहर से आयात होने वाला कोयला महंगा हो गया है। ऐसे में सरकारी समेत प्राइवेट थर्मल की निर्भरता कोल इंडिया पर बढ़ने से सप्लाई में कमी आई है।
पंजाब के सरकारी थर्मल प्लांट रोपड़ और लहरा मुहब्बत में रविवार को 18-18 दिन का कोयला शेष था। वहीं प्राइवेट में तलवंडी साबो में मात्र डेढ़ दिन, गोइंदवाल साहिब में दो दिन और राजपुरा प्लांट में 7 दिनों का कोयला बचा था। तय नियमों के मुताबिक थर्मल प्लांट में 25 से 30 दिन का कोयला होना जरूरी है।
कोयले के इस संकट के कारण तलवंडी साबो और गोइंदवाल ने अपनी यूनिट बंद कर रखी है। रोपड़ के चार में से दो और लहरा मुहब्बत के चार में से एक यूनिट चालू हैं। लिखित में इन यूनिटों को बंद करने का कारण मरम्मत या फिर पानी की कमी बताया जा रहा है। अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया हैं कि धान सीजन के लिए कोयले के स्टाक को बचाकर रखा जा रहा है।
कोल इंडिया से कोयले की सप्लाई में कमी है और ऐसे में धान सीजन में जब पंजाब में बिजली की मांग पीक पर होगी तो यह कोयला काम आएगा। पावरकॉम को इस समय अपने थर्मल से 552 मेगावाट, प्राइवेट प्लांटों से 2732 मेगावाट, हाइडल प्रोजेक्टों से 226 मेगावाट और सोलर व नान सोलर प्रोजेक्टों से 68 मेगावाट यानी कुल मिलाकर 3578 मेगावाट बिजली की सप्लाई हो रही है। इसकी तुलना में रविवार पंजाब में बिजली की मांग 6200 मेगावाट के पार रही। सुबह 11 बजे सबसे अधिक 7622 मेगावाट बिजली की मांग दर्ज की गई।
बिजली की मांग को पूरा करने के लिए पावरकॉम ने रविवार को 2700 मेगावाट के करीब बिजली सात रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बाहर से खरीदी। इस संबंध में सीएमडी इंजीनियर बलदेव सिंह सरां ने अमर उजाला से बात करते हुए कहा कि जल्द थर्मल प्लांटों में कोयले की कमी को ई आक्शन के माध्यम से या बाहर से कोयला आयात कर पूरा किया जाएगा। उन्होंने दावा किया कि धान सीजन में बिजली की किल्लत नहीं आने दी जाएगी। सभी प्रकार के प्रबंध किए जा रहे हैं। इसके साथ कहा कि देश में कोयले का संकट है। ऐसे में पंजाब की स्थिति बाकी राज्यों की तुलना में ठीक है।
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