मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा नेवा एप्लीकेशन की शुरुआत, अब से कागज़-रहित होगा विधान सभा का कामकाज

Update: 2023-09-21 15:48 GMT
चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज यहाँ कहा कि विधान सभा का कामकाज आनलाइन करने से विधायकों की कार्यकुशलता बढ़ेगी और वह लोगों के मुद्दों को और ज्यादा प्रभावी ढंग के साथ उठा सकेंगे। इसके इलावा लोगों को भी विधायकों की कारगुज़ारी के बारे जानने का मौका मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने नेशनल ई-विधान एप्लीकेशन (नेवा) की शुरुआत के बाद विधान सभा को संबोधन करते हुये कहा कि यह क्रांतिकारी कदम जहाँ विधायकों की कार्यकुशलता में विस्तार करेगा, वहीं उनकी जवाबदेही भी तय करेगा।
उन्होंने कहा कि यह बड़े गौरव और संतोष की बात है कि पंजाब, देश की पहली ऐसी विधान सभा है जिसने देश में विभिन्न ऐपलीकेशनों की शुरुआत करके अत्याधुनिक आधुनिक प्रणाली लागू की।
भगवंत सिंह मान ने कहा कि उनकी सरकार ने यह कदम आम आदमी की भलाई और विधायकों को अपडेट रखने के उद्देश्य के साथ उठाया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्रणाली विधान सभा के कामकाज को सुचारू बनाने में अहम भूमिका निभाएगी और यह पहलकदमी करने वाला पंजाब, देश का अग्रणी राज्य बन गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विधान सभा के सदन की कार्रवाई को लाइव करने के बाद उनकी सरकार ने यह कदम इसलिए उठाया है जिससे लोगों को इसका पूरा फ़ायदा मिल सके। भगवंत सिंह मान ने कहा कि उनकी सरकार की तरफ से भविष्य में भी राज्य की भलाई और यहाँ के लोगों की खुशहाली के लिए हर कदम उठाया जायेगा।
रंगला और खुशहाल पंजाब
मुख्यमंत्री ने उम्मीद जतायी कि इस पहलकदमी का लाभ विरोधी पक्ष और सत्ता पक्ष, दोनों पार्टियों के विधायकों को होगा। उन्होंने उम्मीद जतायी कि इससे आने वाले समय में विभिन्न जन हितैषी बिलों का मसौदा तैयार करने और पास करने का रास्ता साफ होगा। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह रंगला और खुशहाल पंजाब बनाने की तरफ एक सार्थक कदम है।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि यह एक नये युग की शुरुआत है क्योंकि अब विधान सभा का कामकाज पूरी तरह कागज़-रहित हो जायेगा। उन्होंने कहा कि नेशनल ई-विधान एप्लीकेशन (नेवा) प्रोजैकट के अंतर्गत विभिन्न फ़ैसलों और दस्तावेज़ों की स्थिति का पता लगाना और जानकारी सांझा करना आसान होगा जो इस प्रक्रिया को और ज्यादा पारदर्शी और जवाबदेह बनाऐगा। भगवंत सिंह मान ने कहा कि लोगों की भलाई के लिए ऐसे प्रयास जारी रहेंगे।
अत्याधुनिक डिजीटाईजेशन प्रक्रिया
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस निवेकली एप्लीकेशन के द्वारा सदन में विधान सभा के सदस्यों की हाज़िरी लगाई जायेगी। उन्होंने कहा कि पंजाब, पहला ऐसा राज्य है, जिस ने अत्याधुनिक डिजीटाईजेशन प्रक्रिया को अपनाया है। उन्होंने कहा कि समय हर गुज़रते दिन के साथ निरंतर बदलता जा रहा है और हमें आज की दुनिया के मुताबिक अपडेट होने की ज़रूरत है।
भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य के लोग इस एप्लीकेशन के द्वारा जानकारी हासिल कर सकेंगे और सदस्यों को आई- पैड केवल एक क्लिक पर सदन की कार्रवाई सम्बन्धी अपडेटड जानकारी मिल जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस नयी प्रणाली की आमद से पुरानी कागज़ी प्रणाली पर निर्भरता ख़त्म हो जायेगी, जिससे वातावरण की संभाल हेतु वृक्षों को बचाया जा सकेगा।
कागज़- रहित बजट
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार वातावरण की सुरक्षा के लिए पहले ही दो कागज़- रहित बजट पेश कर चुकी है। भगवंत सिंह मान ने यह भी याद किया कि जब वह हिमाचल विधान सभा में सदन की कार्रवाई के डिजीटलाईज़ेशन को देखने के लिए गए थे, तो उन्होंने वहाँ फ़ैसला किया था कि यदि उनको मौका मिला तो इस प्रणाली को अत्याधुनिक साधनों के साथ पंजाब में भी दोहराया जायेगा।
उन्होंने कहा कि अब यह स्वप्न साकार हो गया है और हमें ख़ुशी है कि हमने न सिर्फ़ प्रणाली को अपनाया है बल्कि हमारा सिस्टम बाकी राज्यों की अपेक्षा कहीं अधिक अपडेट भी है।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने नेवा वर्कशाप के उद्घाटन के इलावा पंजाब विधान सभा की वैबसाईट और नेवा ब्रोशर जारी करने के साथ-साथ पंजाब विधान सभा डिजिटल विंग का उद्घाटन भी किया। उन्होंने सदस्यों को आईपैड बाँटने की शुरुआत भी की और स्थानीय निकाय मंत्री बलकार सिंह और डिप्टी स्पीकर जय कृष्ण सिंह रोड़ी को आईपैड सौंपे।
इससे पहले पंजाब विधान सभा के स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने इस निवेकली एप्लीकेशन को अपनाने पर संतोष जताते हुए इस प्रणाली के कामकाज के बारे संक्षिप्त जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह कदम वातावरण को बचाने साथ-साथ केवल एक क्लिक पर सही जानकारी मुहैया करवाने में मददगार साबित होगा।
उन्होंने मौजूदा असेंबली को 11 योग्य डाक्टर, 14 पोस्ट ग्रैजुएट, 17 वकीलों वाली सबसे पढ़ी- लिखी और नौजवान विधान सभा बताते हुये कहा कि सदस्यों को इस प्रणाली के बारे प्रशिक्षण देने के लिए यहाँ नेवा सेवा केंद्र भी स्थापित किया गया है। संधवां ने यह भी बताया कि अंतर विभागीय पत्र व्यवहार को भी जल्द ही इलेक्ट्रानिक विधि में तबदील कर दिया जायेगा।
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