ट्रेन लेट के मामले में रेलवे पर लगा 22 हजार रुपये का जुर्माना, जानें क्या है पूरा मामला

पंजाब के राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने उत्तर रेलवे के अधिकारियों की अपील को खारिज कर दिया है.

Update: 2021-11-07 03:43 GMT

फाइल फोटो 

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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पंजाब के राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने उत्तर रेलवे के अधिकारियों की अपील को खारिज कर दिया है. साथ ही उन्हें एक वरिष्ठ नागरिक को 22,000 रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया है, जिसे ट्रेन के 10 घंटे से अधिक समय तक लेट होने के बाद उत्पीड़न का सामना करना पड़ा था. दरअसल ये पूरा मामला ट्रेन लेट होने का है, जिसकी वजह से एक 64 वषीर्य यात्री को ट्रेन लेट होने के कारण 10 घंटे से ज्यादा समय तक स्टेशन पर इंतजार करना पड़ा था.

दरअसल, अमृतसर के सुजिंदर सिंह (64) ने 1 अगस्त 2018 के लिए अमृतसर से नई दिल्ली और 3 अगस्त 2018 को नई दिल्ली से अमृतसर आगमन के लिए दो ऑनलाइन टिकट बुक किए और तीन स्लीपर सीट बुक कराई थी. सिंह ने कहा कि अमृतसर से विशाखापत्तनम जाने वाली हीराकुंड एक्सप्रेस का प्रस्थान रात 11.45 बजे था. उन्होंने कहा कि वह रात 11 बजे रेलवे स्टेशन पहुंचे. हालांकि, रात करीब 11.30 बजे रेलवे अधिकारियों ने घोषणा की कि ट्रेन के प्रस्थान का समय बदलकर 1.30 बजे कर दिया गया है. ट्रेन के प्रस्थान का समय आगे बदलकर 2.30 बजे कर दिया गया था. ट्रेन फिर लेट हो गई, क्योंकि उसे अमृतसर से सुबह 5 बजे निकलना था.
मेडिकल चेकअप के लिए जाना था एम्स दिल्ली – शिकायतकर्ता
सुजिंदर सिंह ने दलील दी कि उन्हें चेस्ट इन्फेक्शन, सांस लेने में तकलीफ, सर्वाइकल दर्द, शुगर और लो ब्लड प्रेशर है. उन्हें दो लोगों की मदद लेकर एक प्लेटफॉर्म से दूसरे प्लेटफॉर्म जाना पड़ा था. वह रात 11 बजे रेलवे स्टेशन पहुंच गए थे और ट्रेन सुबह साढ़े दस बजे अमृतसर रेलवे स्टेशन पहुंची. उन्होंने कहा कि उन्हें एम्स में मेडिकल चेकअप के लिए दिल्ली जाना था लेकिन ट्रेन दोपहर 1.15 बजे नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुंची, जबकि ओपीडी सुबह 9 से दोपहर 1 बजे तक खुली रही. ट्रेन के देरी से आने के कारण उनका कोई मेडिकल चेकअप नहीं हो सका. यह रेलवे की ओर से सेवा में कमी थी. उन्होंने कहा कि उन्हें प्रताड़ित भी किया गया.
उन्होंने मंडल रेल प्रबंधक (DRM), फिरोजपुर और स्टेशन मास्टर, उत्तर रेलवे, अमृतसर के खिलाफ अमृतसर के उपभोक्ता आयोग का रुख किया. संबंधित रेलवे अधिकारियों को मुआवजे के रूप में 20,000 रुपये और मुकदमेबाजी की लागत के रूप में 2,000 रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया गया है. उत्तर रेलवे के अधिकारियों, डीआरएम फिरोजपुर और स्टेशन मास्टर, अमृतसर ने राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग, पंजाब के समक्ष एक अपील में तर्क दिया कि ट्रेन के प्रस्थान में देरी के बारे में एक उचित घोषणा की गई थी लेकिन, हालात नियंत्रण से बाहर थे.


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