शहर का लॉ एंड ऑर्डर पूरी तरह से बिगड़ गया है। कभी हत्या, तो कभी लूट की वारदातें और फायरिंग आम हो गई है। ऐसे में आम लोग घर से निकलने से घबराने लगे है। अब वीरवार को एक बड़ी घटना सामने आई है जिसमें एक कारोबारी की तेजधार हथियार से गला रेतकर हत्या कर दी गई।मृतक बलकार सिंह गांव ससराली का रहने वाला था और दोपहर घर से किसी काम के लिए निकला था। रात को उसका शव सतलुज दरिया के किनारे झाड़ियों में लहूलुहान अवस्था में पड़ा मिला। परिवार वाले ढूंढते हुए मौके पर पहुंचे और सूचना पुलिस को दी गई। सूचना के बाद ए.डी.सी.पी. (4) तुषार गुप्ता, ए.सी.पी. (ईस्ट) गुरदेव सिंह, थाना मेहरबान और थाना टिब्बा सहित फॉरैंसिक टीम मौके पर पहुंच गई। शव से कुछ दूरी पर मृतक की गाड़ी खड़ी थी जबकि मृतक का मोबाइल पुलिस को नहीं मिला है। पुलिस ने शव कब्जे में लेकर सिविल अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया है।
जानकारी के मुताबिक बलकार सिंह उर्फ कारा का ताजपुर रोड पर राज बिल्डिंग मैटीरियल स्टोर है। परिवार के मुताबिक वह दोपहर को घर से अपनी अर्टिगा गाड़ी लेकर निकला था। वह किसी काम जाने का कहकर गया था लेकिन वापस घर नहीं पहुंचा। देर शाम परिजनों ने मोबाइल पर संपर्क करने की कोशिश की तो उसका मोबाइल बंद आ रहा था। परिवार का कहना है कि उसकी गाड़ी पर जी.पी.एस. लगा हुआ है। जी.पी.एस. को ट्रैक करते हुए वे सतलुज दरिया के किनारे पहुंच गए थे। जहां पर उसकी गाड़ी उन्हें मिल गई। गाड़ी के अंदर कोई नहीं था। इसके बाद उन्होंने बलकार को ढूंढना शुरू किया तो गाड़ी से कुछ दूरी पर दरिया के किनारे झाड़िय़ों के अंदर उसका शव पड़ा हुआ था। उसका गला रेता गया था जबकि उसके शरीर पर भी चोटों के निशान मौजूद थे।
गत दिसम्बर में भी हुआ था हमला, अधमरा कर छोड़ गए थे हमलावार
परिवार ने बताया कि 8 दिसम्बर 2021 को भी बलकार पर हमला हुआ था। तब वह रात करीब 9 बजे दुकान बंद कर अपनी इनोवा कार में घर जा रहा था। बालाजी पुल के पास उसे एक युवक ने रुकने का इशारा किया था। उसने ड्राइवर साइड का शीशा थोड़ा-सा नीचे किया और उसे रोकने का कारण पूछा जिसके बाद युवक ने अंदर हाथ डाल कर गाड़ी अनलॉक कर ली थी। उसके साथ 4 और युवक जबरन कार के अंदर बैठ गए थे। इसके बाद आरोपियों ने तेजधार हथियार से उस पर हमला कर दिया था। दातर उसके सिर पर जा लगा जिसके बाद वह कार में ही बेहोश गया था। आरोपी युवक उसकी कार से 50 हजार की नकदी और मोबाइल लेकर फरार हो गए थे।
ठीक होकर खुद की थी पैरवी तो हुई सुनवाई
दिसम्बर में हुए हमले में बलकार सिंह के सिर की हड्डी क्रैक हो गई थी, इसलिए दो महीने तक वह 2 अस्पतालों में एडमिट रहा था। फरवरी 2022 में ठीक होने के बाद उसने खुद अपने केस की पैरवी शुरू की थी। पहले थाना टिब्बा की पुलिस ने उसे कह दिया था कि उसकी शिकायत पर कार्रवाई हो चुकी है, मगर जब एफ.आई.आर. की कापी मांगी तो पता चला कि कोई एफ.आई.आर. ही दर्ज नहीं हुई थी। इसके बाद वह तत्कालीन ए.सी.पी. से मिला था, मगर फिर भी कोई फायदा नहीं हुआ। फिर वह तत्कालीन सी.पी. के पास गया था जहां से भी उसे थाना टिब्बा भेज दिया गया था। उसके बाद अब सी.पी., ए.सी.पी. और एस.एच.ओ. तक सारे अधिकारी बदल गए थे। वह अब नए अधिकारियों के पास गया और सारी घटना के बारे में बताया, फिर जाकर करीब 6 महीने बाद अज्ञात लोगों पर हत्या के प्रयास और लूट का केस दर्ज हुआ था।
Source: Punjab Kesari