अमृतसर: गुरु नानक देव विश्वविद्यालय में अनियमितताओं की होगी विजिलेंस जांच

Update: 2022-08-22 13:22 GMT

ब्रेकिंग न्यूज़: गुरु नानक देव विश्वविद्यालय टीचिंग एसोसिएशन के नेता प्रोफेसर लखविंदर सिंह, एनपीएस सैनी और प्रो. डीएस सोहल ने कहा कि जो मुद्दे समय-समय पर यूनियन की ओर से उठाए जाते रहे हैं, उन सभी की जांच होनी चाहिए अमृतसर के गुरु नानक देव विश्वविद्यालय में लंबे समय से चली आ रही अनियमितताओं की अब जांच होगी। जानकारी के अनुसार, सरकार की तरफ से इस मामले की विजिलेंस जांच करवाने का फैसला लिया गया है। इसके लिए विजिलेंस ब्यूरो के आईजी मनमोहन सिंह को तैनात कर दिया गया है। गुरु नानक देव विश्वविद्यालय में अलग-अलग पोस्टों पर योग्यता को नजरअंदाज कर बहुत सारे अधिकारी और कर्मचारी तैनात कर दिए गए हैं। जिसके खिलाफ समय-समय पर आवाज उठती रही है। अध्यापकों ने पंजाब सरकार और गवर्नर को शिकायतें भेजी थी, वहीं गुरु नानक देव विश्वविद्यालय टीचिंग एसोसिएशन ने भी करीब एक दर्जन शिकायतें पंजाब सरकार को भेजी थी। इन सभी शिकायतों को इकट्ठा करके पंजाब सरकार जांच शुरू कर रही है।

यह भी पता चला है कि सरकार की ओर से विश्वविद्यालय में चल रहे अलग-अलग प्रोजेक्टों में हुए कथित घोटालों की भी जांच की जाएगी। उल्लेखनीय है कि टीचिंग एसोसिएशन ने गुरु नानक देव विश्वविद्यालय के वीसी डॉ. जसपाल सिंह संधू की नियुक्ति पर भी एतराज जताया था। उनका कहना था कि वाइस चांसलर लगने के लिए डॉ. संधू निर्धारित शर्तें पूरी नहीं करते। वह अकादमिक डॉक्टर नहीं बल्कि ऑर्थो के डॉक्टर हैं। वहीं विश्वविद्यालय के अलग-अलग विभाग के कर्मचारियों ने भी उनके साथ हुए प्रबंध स्तर पर हुई धक्काशाही की शिकायतें पंजाब सरकार को भेजी थी। इन सभी शिकायतों को इकट्ठा करके जांच शुरू की जा रही है। गुरु नानक देव विश्वविद्यालय के वीसी के खिलाफ शुरू हो रही जांच के चलते सोमवार को जीएनडीयू कैंपस में खासी चर्चा रही। विश्वविद्यालय टीचिंग एसोसिएशन के नेता प्रोफेसर लखविंदर सिंह, एनपीएस सैनी और प्रो. डीएस सोहल ने कहा कि जो मुद्दे समय-समय पर यूनियन की ओर से उठाए जाते रहे हैं, उन सभी की जांच होनी चाहिए। डॉ. जसपाल सिंह को वर्ष 2017 में यूनिवर्सिटी का वीसी नियुक्त किया गया था। 2020 में उनको 3 वर्ष के लिए दोबारा एक्सटेंशन दी गई थी।

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