Punjab Election 2022: मनीष तिवारी ने अब पंजाब में मुख्यमंत्री उम्मीदवार का चेहरा घोषित करने की कांग्रेस नेतृत्व के रुख से जताई असहमति

अहम राजनीतिक मुद्दों पर कांग्रेस नेतृत्व की राजनीतिक लाइन से अलग मुखर रहे वरिष्ठ पार्टी नेता मनीष तिवारी ने अब पंजाब में मुख्यमंत्री उम्मीदवार का चेहरा घोषित करने की कांग्रेस की तैयारियों पर सवाल उठाया है।

Update: 2022-02-05 16:08 GMT

नई दिल्ली। अहम राजनीतिक मुद्दों पर कांग्रेस नेतृत्व की राजनीतिक लाइन से अलग मुखर रहे वरिष्ठ पार्टी नेता मनीष तिवारी ने अब पंजाब में मुख्यमंत्री उम्मीदवार का चेहरा घोषित करने की कांग्रेस की तैयारियों पर सवाल उठाया है। सूबे के स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल नहीं किए जाने के बाद तिवारी ने सर्वेक्षण के आधार पर मुख्यमंत्री चेहरा तय करने के रुख से असहमति जाहिर करते हुए कहा है कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया का तकाजा है कि निर्वाचित विधायकों की राय से मुख्यमंत्री का चुनाव किया जाना चाहिए।

कांग्रेस पार्टी के अंदर बढ़ा घमासान
मुख्यमंत्री उम्मीदवार तय करने को लेकर कांग्रेस में सीएम चरनजीत सिंह चन्नी और नवजोत सिंह सिद्धू में चल रही जबरदस्त रस्साकशी के बीच तिवारी का यह रुख इस मसले पर पार्टी के अंदर बढ़ते घमासान का साफ संकेत है। कांग्रेस पंजाब की चुनावी बाजी अपने नाम करने के लिए रविवार को राहुल गांधी के चुनावी दौरे के दौरान मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित करने की तैयारी लगभग पूरा कर चुकी है और उससे ठीक पहले तिवारी का इस कसरत पर सवाल उठाना नेतृत्व को असहज करेगा।
कहा, निर्वाचित विधायकों को सीएम चुनने का मौका मिलना चाहिए
स्टार प्रचारकों की सूची से बाहर रखे जाने के बावजूद सूबे में कांग्रेस उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार कर रहे मनीष तिवारी ने पार्टी से अलग राय जाहिर करते हुए कहा कि उनका निजी मत है कि वेस्ट मिनिस्टर सिस्टम की हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था में चुनाव के बाद चुने गए विधायकों द्वारा मुख्यमंत्री चुना जाना चाहिए।
वेस्टमिनिस्टर लोकतांत्रिक प्रणाली की अनदेखी ठीक नहीं

उनके अनुसार यह जरूर है कि चुनाव अभियान को लीड करने वाला चेहरा कौन होगा यह तय करना पार्टी का विशेषाधिकार है। लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि हम अपनी वेस्ट मिनिस्टर आधारित लोकतंत्र को परोक्ष रुप से राष्ट्रपति प्रणाली की ओर ले जा रहे हैं और यह भारत के लिए ठीक नहीं है। मुख्यमंत्री की रेस में पीछे छूट रहे नवजोत सिंह सिद्धू के तीखे होते प्रहारों के तीर के बीच तिवारी का यह दृष्टिकोण इस प्रकरण में पार्टी की सिरदर्दी में इजाफा करेगा।
स्टार प्रचारकों की सूची में न होने पर कहा, इसमें अचरज नहीं
कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल नहीं किए जाने पर भी मनीष तिवारी ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए टवीट के जरिए नेतृत्व पर परोक्ष कटाक्ष का मौका नहीं छोड़ा। अपने टवीट में तिवारी ने कहा कि सूची में शामलि नहीं किए जाने पर आश्चर्य नहीं हुआ बल्कि अगर सूची में उनका नाम होता तो जरूर उन्हें अचरज होता। कांग्रेस नेता ने स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल नहीं किए जाने के कारणों का सीधे जिक्र नहीं किया मगर इसकी वजह जगजाहिर होने की बात कह कहते हुए पार्टी नेतृत्व से अपने असहज रिश्ते की ओर साफ इशारा किया।
इस इशारे में उनका आशय साफ था कि कांग्रेस की मौजूदा चुनौतियों और संगठन को चलाने के तौर-तरीकों पर उठाए सवालों से असहज होकर उनको दरकिनार किया जा रहा है। तिवारी ने इस मसले पर पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के बेटे टीएमसी नेता अभिजीत मुखर्जी के टवीट पर मिले समर्थन के जवाब में भी यही बात दोहरायी।
Tags:    

Similar News