Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र में अब 'ठाकरे' की विरासत पर घमासान, शिवसेना चरम पर
महाराष्ट्र में शिवसेना के दो तिहाई से ज्यादा विधायक अपने पाले में कर चुके एकनाथ शिंदे ने जब अपने गुट के नाम में भी इसके संस्थापक बाला साहब ठाकरे का नाम जोड़ लिया।
महाराष्ट्र में शिवसेना के दो तिहाई से ज्यादा विधायक अपने पाले में कर चुके एकनाथ शिंदे ने जब अपने गुट के नाम में भी इसके संस्थापक बाला साहब ठाकरे का नाम जोड़ लिया, तो शिवसेना आगबबूला हो गई। शिवसेना की ओर से चेतावनी जारी हो गई कि किसी को भी शिवसेना व बाला साहब ठाकरे के नाम का दुरुपयोग करने की अनुमति नहीं दी जा सकती। दूसरी ओर, बागी गुट शिवसेना की धमकियों का जवाब देने के लिए अब सड़क पर भी उतरने की तैयारी करने लगा है। इसकी बानगी शनिवार को एकनाथ शिंदे का प्रभाव क्षेत्र माने जानेवाले ठाणे में दिखाई दी।
शनिवार को सुबह खबर आई की गुवाहाटी में डेरा जमाए पड़े शिवसेना के बागी विधायकों ने अपने गुट का नाम 'शिवसेना-बाला साहब ठाकरे' रखने का फैसला किया है। लेकिन इसके कुछ देर बाद की शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शिवसेना सांसद व प्रवक्ता संजय राउत ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि किसी को भी शिवसेना व इसके संस्थापक बाला साहब ठाकरे के नाम के दुरुपयोग की अनुमति नहीं दी जा सकती। इस बैठक की अध्यक्ष खुद उद्धव ठाकरे कर रहे थे। बागी शिवसेना विधायकों की संख्या को देखते हुए अब तक पार्टी के दो तिहाई से ज्यादा विधायक एकनाथ शिंदे के साथ जा चुके हैं। इसे देखते हुए विधानसभा में तकनीकी तौर पर शिंदे अब अपने गुट को ही असली शिवसेना की मान्यता देने की मांग कर रहे हैं। अब उन्होंने अपने नए गुट के नाम में भी शिवसेना व ठाकरे शब्द जोड़ने की घोषणा कर दी है।
शिवसेना के प्रभाव क्षेत्र वाले ठाणे में शिंदे समर्थकों द्वारा किए गए जवाबी प्रदर्शन में भी लोगों के हाथ में बाला साहब ठाकरे का पोस्टर नजर आ रहा था। शिवसेना की कार्यकारिणी बैठक में राउत ने और तल्ख लहजे में कहा कि जिन्हें वोट चाहिए, वे अपने बाप का नाम इस्तेमाल करें, न कि शिवसेना के जनक बाला साहब ठाकरे का। बाद में इसी बैठक में खुद उद्धव ठाकरे ने भी कहा कि वह चुनाव आयोग व विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखेंगे कि वह अनाधिकृत या पार्टी से बगावत कर चुके व्यक्तियों द्वारा शिवसेना व बाला साहब ठाकरे के नाम का दुरुपयोग न होने दें।