महाराष्ट्र कांदा उत्पादक संगठन के संस्थापक अध्यक्ष भारत दिघोले

प्याज की बढ़ती कीमतों (Onion Price) को थामने के लिए सरकार सख्त हो गई है.

Update: 2021-10-24 13:27 GMT

प्याज की बढ़ती कीमतों (Onion Price) को थामने के लिए सरकार सख्त हो गई है. आयकर विभाग ने महाराष्ट्र की पिंपलगांव बसवंत कृषि उपज मंडी समिति में काम करने वाले जिन 6 प्याज व्यापारियों के 13 ठिकानों पर छापेमारी की है उनके यहां से करोड़ों की नगदी मिलने की खबर है. लेकिन प्याज उत्पादक संगठन ने इस कार्रवाई से अपने को अलग करते हुए एक नया फैसला लिया है. जिसके मुताबिक वे अब डायरेक्ट सेलिंग का नेटवर्क बनाएंगे. किसान संगठन ने कहा है कि वह इस कार्रवाई का विरोध करके ट्रेडर्स का ढाल नहीं बनना चाहते क्योंकि व्यापारियों ने कभी किसानों का हित नहीं किया.

महाराष्ट्र राज्य प्याज उत्पादक संगठन के संस्थापक अध्यक्ष भारत दिघोले ने बताया कि किसान और कंज्यूमर के बीच ऐसे मुनाफाखोर लोगों की चेन बन गई है, जिनकी वजह से किसानों को बहुत कम पैसा मिलता है और कंज्यूमर को महंगा सामान मिलता है. इस नेटवर्क को ब्रेक करना है. ताकि किसान भी खुश रहे और कंज्यूमर भी.
तीन लाख सदस्य होने का दावा
दिघोले ने बताया कि उनके संगठन के महाराष्ट्र, कर्नाटक, एमपी, गुजरात, तेलांगाना आदि में तीन लाख किसान सदस्य हैं, जिनके माध्यम से वो अलग-अलग शहरों में नेटवर्क बनाएंगे. महाराष्ट्र के भी बड़े शहरों में खुद प्याज की ग्रेडिंग और ब्रांडिंग करेंगे. यहां कोंकण और नागपुर में प्याज नहीं होता. इनके मार्केट में भी डायरेक्ट सेलिंग (Direct Selling) का नेटवर्क तैयार करेंगे.
दाम पर सरकार से सवाल
किसान नेता दिघोले ने कहा कि जब प्याज के दाम में वृद्धि होती है तब तो सरकार को उसे कम करने की चिंता हो जाती है, लेकिन जब दाम इतना घट जाता है कि किसानों (Farmers) को नुकसान होने लगता है तब सरकार कहां चली जाती है. तब भी उसकी एजेंसियों को आगे आना चाहिए कि कम से कम वो किसानों को उत्पादन लागत तो दिलवाए.
खुद तय करेंगे दाम
दिघोले ने बताया कि 'हमारा प्याज हमारा दाम' आंदोलन पहले से ही चल रहा है. इसके तहत प्याज का न्यूनतम रेट 30 रुपये करने की बात रखी जा रही है क्योंकि 17-18 रुपये प्रति किलो तो लागत ही आ रही है. हम किसानों को जागरूक कर रहे हैं कि प्याज का दाम वो मिलकर खुद तय करें. अभी प्याज बाजार के हवाले है. अब तक प्याज उगाने वाले किसानों को इसका दाम तय करने का हक नहीं मिला है. किसान मेहनत करता है और उसका फायदा जमाखोर उठाते हैं.
कितनी आती है प्याज की लागत?
किसान लीडर दिघोले ने बताया कि नेशनल हर्टिकल्चर बोर्ड ने 2017 में बताया था कि प्रति किलो प्याज पैदा करने पर 9.34 रुपये की लागत आती है. चार साल में यह बढ़कर 15 से 18 रुपये किलो तक हो गया है. ऐसे में किसानों को कम से कम 30 रुपये कीमत तो चाहिए. यह तभी हो सकता है जब डायरेक्ट सेलिंग का नेटवर्क बने. इसके लिए संगठन के पदाधिकारियों से बातचीत की जा रही है.
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