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इंदौर। नगर निगम में महापौर और 85 पार्षद पदों के लिए हुए चुनाव में मात्र 60.88 प्रतिशत मतदान हुआ है। निगम के पिछले चुनाव के मुकाबले यह लगभग पांच प्रतिशत कम मतदान है। वर्ष 2015 में हुए निगम चुनाव में लगभग 66 प्रतिशत मतदान हुआ था। उम्मीद थी कि सात साल बाद हो रहे इस चुनाव को लेकर मतदाताओं में उत्साह रहेगा, लेकिन ऐसा नहीं रहा।
बुधवार को शुरुआती घंटों में तो मतदान बहुत धीमा रहा, किंतु अंतिम दो घंटे में मतदाताओं के बूथ तक पहुंचने की गति बढ़ गई। इस कारण मतदान 60 प्रतिशत से ऊपर पहुंचा, अन्यथा आरंभिक रुझान को देखते हुए एक समय लग रहा था कि मतदान 55 प्रतिशत तक ही पहुंच पाएगा।
शहर के छह विधानसभा क्षेत्रों में फैले 85 वार्डों में सर्वाधिक 63.88 प्रतिशत विधानसभा इंदौर-एक में हुआ, जबकि सबसे कम 58.06 प्रतिशत मतदान विधानसभा इंदौर-पांच में हुआ। मतदान के कम प्रतिशत को लेकर राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने मतदान सूचियों में गड़बड़ी को जिम्मेदार ठहराया है। कुछ मतदाताओं के नाम सूची से गायब थे तो कुछ के मतदान केंद्र बदल दिए गए, लेकिन उनको पता ही नहीं था। इसमें जिला निर्वाचन कार्यालय और बीएलओ को जिम्मेदार बताया जा रहा है।