Raisen। उत्तरी पूर्वी दिशा से आ रही बर्फीली हवाओं से मौसम का मिजाज बदला बदला सा नजर आने लगा है जहां सूरज ढलते ही कलेजे को कब कपड़ा देने वाली सर्दी महसूस होने लगती है दिन रात मौसम का तापमान एक समान हो रहा है जिससे जनजीवन भी प्रभावित हो रहा है मौसम का असर दलहनी फसल मटर चना आदि पर भी पड़ने लगा है।
सब्जी की फसल पर ज्यादा असर
बढ़ी ठंड का सबसे अधिक असर सब्जी की फसल पर पड़ेगा। मटर व गेहूं की अगेती फसल भी पाला से प्रभावित हो सकती है। कृषि वैज्ञानिकों डॉ स्वप्निल दुबे कृषि विज्ञान केंद्र नकतरा का कहना है कि उन फसलों को ज्यादा नुकसान होगा, जिनमें फूल आने की स्थिति बन रही है। किसान इन फसलों की हल्की सिंचाई करें। संभव हो सके तो गर्म धुआं करें। मौसम कृषि वैज्ञानिक डॉ. एसएस तोमर के मुताबिक एक महीने पहले तक जिन फसलों की बोवनी की गई है, उन पर बहुत अधिक प्रभाव नहीं पड़ेगा।
तेज सर्दी में मरीजों में भी इजाफा....
जिला अस्पताल के चिकित्सकों डॉ एमएल अहिरवार, मेडिकल ऑफिसर डॉ यशपाल सिंह बाल्यान डॉ सौरभ जैन की माने तो ठंड बढ़ने पर एक ओर जहां सर्दी-जुकाम के मरीज बढ़े हैं। वहीं सांस व हृदय रोगियों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। वैसे तो सामान्य दिनों की तुलना में ओपीडी में आने वाले मरीजों की संख्या कम बताई जा रही है,।लेकिन जो मरीज पहुंच रहे हैं। उनमें आधे सर्दी-जुकाम व बुखार से पीड़ित होते हैं। चिकित्सक डॉ. प्रतीक शर्मा के मुताबिक एक सप्ताह से आधा दर्जन से अधिक मरीज आ रहे हैं। हृदय रोगियों की संख्या में भी कुछ ऐसा ही इजाफा हुआ है। हालांकि चिकित्सक ठंड में इस स्थिति को सामान्य मान रहे हैं।
चिकित्सकों के सुझाव....सलाह भी
@अनावश्यक रूप से बाहर नहीं निकलने की सलाह।
@ ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े पहनें व सिर ढंके।
@गर्म पानी पीएं व स्नान भी गर्म पानी से ही किया जाए।
@ व्यायाम चिकित्सक की सलाह पर ही करना चाहिए।
@ ताजा भोजन करें, बासी व ठंडा भोजन अपच होगा।
लकवा के केस भी बढ़े...
जिला अस्पताल रायसेन में बढ़ती ठंड में लकवा के केस भी बढ़ रहे हैं। जिला अस्पताल में पूर्व में जहां दो से तीन दिन के अंतराल पर लकवा के केस आते रहे हैं। वहीं अब हर दिन लकवा पीड़ित मरीज इलाज करवाने भर्ती हो रहे हैं।इसके अलावा सांस की तकलीफ के मरीजों में भी इजाफा हो रहा है।