नए नियम के तहत बच्चों को दिया गोदलंबी वेटिंग के बीच राहत

Update: 2023-02-09 06:36 GMT

इंदौर न्यूज़: शहर से देश के 18 दंपतियों की सूनी गोद में किलकारी गूंजी है. नए नियम के तहत प्रदेश में सबसे ज्यादा 18 बच्चों को गोद दिया गया है. 4 माह पूर्व बदले नियम के तहत देश के पहले दो बच्चों को भी इंदौर से गोद दिया गया था.

मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में गोद लेने के लिए लंबी वेटिंग है. वर्तमान में रजिस्ट्रेशन करवाने पर वर्ष 2025-26 तक चयन के लिए बच्चे को दिखाया जाएगा. वर्तमान में तीनों राज्यों में वर्ष 2018-2019 में रजिस्टर्ड दंपतियों की प्रक्रिया चल रही है. ऐसे में इंदौर से संबंधित प्रक्रिया में तेजी होने से माता-पिता की सूनी गोद भर रही है. इसके साथ ही मासूमों को भी माता-पिता का साया मिल रहा है.

सेंट्रल एडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी (कारा) के तहत बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया की जाती है. इसके लिए केंद्र सरकार की वेबसाइट कारा पर रजिस्ट्रेशन कराना होता है. देश में कहीं से भी निर्धारित प्रक्रिया के तहत बच्चा गोद लिया जा सकता है. रजिस्ट्रेशन के बाद दंपती को 7 डॉक्यूमेंट अपलोड करने होते हैं. संबंधित एजेंसी दंपती के घर का अध्ययन करती है. नंबर आने के बाद दंपती को बच्चे से मिलवाया जाता है. महिला बाल विकास विभाग से प्रक्रिया पूरी होती है. सरकारी औपचारिकता के बाद पहले कोर्ट आदेश करती थी, लेकिन अब कलेक्टर को ही आदेश करने का अधिकार मिलने से समय कम लग रहा है.

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