PM Janman Yojana अंतर्गत विशेष पिछड़ी जनजाति वर्ग को बनाया जा रहा है आत्मनिर्भर
Raisenरायसेन। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा गत 15 नवम्बर 2023 को शुरू किए गए प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम जनमन) अन्तर्गत मध्यप्रदेश के चिन्हित 24 जिलों में निवासरत बैगा, भारिया एवं सहरिया विशेष पिछड़ी जनजाति वर्ग को विभिन्न प्रकार की सहायता व रोजगारोन्मुखी कौशल प्रशिक्षण देकर इन्हें विकास की नई राह से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है। रायसेन जिले में भी कलेक्टर अरविंद दुबे के निर्देशन में प्रधानमंत्री जनमन योजना अंतर्गत ग्रामीण विकास विभाग एवं जनजातीय कार्य विभाग के संयुक्त प्रयासों से सांची विकासखण्ड की 17 ग्राम पंचायतों के 22 ग्रामों में 392 परिवार और 1713 सदस्यों जिनमें विशेष पिछड़ी जनजाति सेहरिया को विभिन्न 9 विभागों की 11 योजनाओं से शत-प्रतिशत लाभान्वित किया जा रहा है।
1299 हितग्राहियों के जनधन योजना के खुलवाए खाते....
प्रधानमंत्री जनमन अभियान के तहत इन ग्रामों में 183 प्रधानमंत्री आवास, 713 हितग्राहियों को आधार कार्ड एवं 1299 को जनधन योजना के तहत खाते खुलवाए गए, 1707 हितग्राहियों के आयुष्मान कार्ड एवं 1661 हितग्राहियों को जाति प्रमाण पत्र की कार्यवाही की गई। इसी प्रकार
89 हितग्राहियों को किसान क्रेडिट कार्ड तथा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, 392 राशन कार्ड तथा उज्जवला गैस योजना अंतर्गत इन परिवारों को गैस कनेक्शन प्रदाय किए जाने की कार्यवाही की जा रही है। इन परिवारों को विद्युत विभाग द्वारा निःशुल्क विद्यतु कनेक्शन प्रदाय किये गये हैं।
ग्राम मुक्तापुर में आंगनवाड़ी केन्द्र निर्माणाधीन है तथा इन परिवार के बच्चे स्कूल में अध्ययनरत
है। उन्हें निःशुल्क पाठ्यपुस्तक, गणवेश, छात्रवृत्ति, मध्यान्ह भोजन प्रदाय किया जा रहा है। सुकन्या समृद्धि योजना, टी.वी. उन्मूलन, प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान, प्रधानमंत्री पोषण योजना, गर्भवती महिलाओं को वित्तीय सहायता, मुफ्त गैस कनेक्शन, मुफ्त राशन कार्ड, वनधन विकास केन्द्र के माध्यम से अजीविका में सुधार, गांव-गांव तक सड़क एवं छूटे हुये सड़के के प्रस्ताव शासन को प्रेषित किये गये है। प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत 23 अगस्त से 10 सितम्बर तक राष्ट्रव्यापी सूचना, शिक्षा व संचार अभियान (आईईसी) और लाभार्थी शिविरों का आयोजन
किया जा रहा है। जिसका उद्देश्य विशेष पिछड़ी जनजाति समूहों की बस्तियों और पीवीटीजी परिवारों तक बिजली, सड़क, पानी, आवास, खाद्यान्न, बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य आदि सुविधाएं उपलब्ध कराना है।