शिवपुरी जिले में एक बच्चा अपने घर से गायब हो गया। बताया जा रहा है कि वह एक चिट्ठी भी लिखकर गया
शिवपुरी शहर के चंद्रा कालोनी का रहने वाला कक्षा सात में पढ़ने वाला 14 साल का बालक घर से शुक्रवार शाम ट्यूशन पढ़ने निकला। लेकिन इसके बाद लापता हो गया। इसकी शिकायत कोतवाली में दर्ज कराई गई है। बालक कई घंटे गुजर जाने के बाद भी कोई सुराग नहीं लग सका है। पुलिस सहित परिजन बालक की तलाश में जुटे हुए हैं।
बता दें कि बालक अपने घर में एक लेटर छोड़कर गया है, जिसमें बालक ने अपने घर छोड़कर जाने का कारण लिखा है। बालक के माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल है। उन्होंने बेटे का फोटो जारी कर बेटे को ढूंढने में मदद करने की आम जनता से गुहार लगाई है।
लेटर में लिखा है कि सर ने मुझे मारा तो मैं अपना घर छोड़कर जा रहा हूं, मैं पापा तुम्हें बहुत चाहता हूं, लेकिन मैं क्या करूं, मैं जा रहा हूं, इस दुनिया को छोड़कर। ये शब्द अपनी नोटबुक के एक पेज पर लिखकर एक 7वीं कक्षा में पढ़ने बाला छात्र घर छोड़कर चला गया। छात्र को लापता हुए 24 घंटे गुजर चुके हैं, लेकिन अब तक उसका कोई सुराग नहीं लग सका है।
चंद्रा कालोनी के रहने वाले दुर्ग सिंह धाकड़ ने बताया कि शाम पांच बजे मेरा बेटा अरुण धाकड़ नबाब साहब रोड स्थित ट्यूशन पढ़ने गया था। लेकिन वह ट्यूशन पढ़ने नहीं पहुंचा। दुर्ग सिंह धाकड़ ने बताया कि बेटे अरुण के साथ उसकी छोटी बहन सत्या भी कक्षा पांच की ट्यूशन पढ़ने जाती थी, लेकिन अरुण ने बेटी को कपड़े बदलने की कहकर बेटी को पहले ट्यूशन भेज दिया। फिर कुछ देर बाद अरुण भी ट्यूशन की कहकर घर से निकल गया। शाम के वक्त ट्यूशन से फोन पर अरुण के ट्यूशन न पहुंचने की सूचना दी गई। अरुण घर पर भी नहीं था, तभी से उसकी तलाश कर रहे हैं। लेकिन कोई सुराग नहीं लग सका है। घर के पास एक मकान में लगे सीसीटीवी में आखरी बार 4:54 पर देखा गया था।
लापता अरुण की बहन सत्या धाकड़ ने बताया कि मेरे भाई का 20 सितंबर को ट्यूशन में टेस्ट हुआ था। उस टेस्ट में उसने एक प्रश्न का सही उत्तर नहीं दिया था। इसी के चलते पहले दीपक सर और फिर अविनाश सर से भाई की पिटाई लगा दी थी। इसके चलते मेरा भाई दूसरे दिन मुझे ट्यूशन के लिए भेज खुद ट्यूशन नहीं आया। लापता हुए अरुण के पिता ने बताया कि मैं पोहरी तहसील क्षेत्र के नारौरा गांव का रहने वाला हूं, अरुण मेरा इकलौता बेटा है। मेरे एक बेटी भी है, हम तीन भाई हैं, गांव में इतनी खेती-बाड़ी है कि गुजारा हो जाता था।
बेटे अरुण के पैदा होने के बाद उसकी पढ़ाई के लिए मैंने अपना गांव छोड़ दिया था और शहर में किराए का कमरा लेकर रहने लगा था। परिवार को पालने और बच्चों की पढ़ाई के लिए मैंने एमएम तिराहे पर फल का ठेला लगाना शुरू कर दिया था। इस बीच में एक बेटी का पिता भी बना, बेटी आज 5वीं कक्षा में पढ़ती है। मैं अपने बेटे को अफसर बनता देखना चाहता था। इसीलिए मैंने अपने दोनों बच्चों का दाखिला बेहतर शिक्षा के लिए प्राइवेट स्कूल में कराया था।
दुर्ग सिंह ने बताया कि बेटे के कक्षा 6वीं में कम नंबर आए थे। उसकी महज 48 परसेंट ही आई थी, जिससे मैं बहुत चिंचित था। इसी के चलते मैंने अपने परिचित और भरोसेमंद टीचर दीपक सर के यहां ट्यूशन पढ़ने भेजने लगा था। साथ ही अरुण पर विशेष ध्यान देने की बात भी मेरे द्वारा दीपक सर से कही गई थी।
अरुण को ट्यूशन पढ़ाने बाले दीपक सेन ने बताया कि अरुण के पिता ने मुझे अरुण पर अच्छे से ध्यान देने की बात कही थी। इसी के चलते मैं उसकी पढ़ाई पर विशेष ध्यान देता था। 20 सितंबर को अरुण का एक टेस्ट लिया था, इससे पहले मैंने अरुण को चैप्टर अच्छे से पढ़कर आने को कहा था। लेकिन लिए गए टेस्ट में अरुण की काफी गलती निकली, इसके चलते मैंने उसे डांट दिया था।
21 सितंबर को जब अरुण ट्यूशन पढ़ने नहीं आया तो मैंने फोन कर उसके पिता को जानकारी दी थी। लेकिन वह घर पर भी नहीं था, तभी से उसकी तलाश में सभी जुटे हुए हैं। अरुण को लापता हुए 24 घंटे से ज्यादा गुजर चुके हैं, लेकिन अब तक अरुण का कोई सुराग नहीं लग सका है। अरुण आखरी बार अपने घर के पीछे गली में नजर आया था। सीसीटीवी में अरुण डर-डर आगे बढ़ता और बार-बार पीछे मुड़कर देखते हुए दिखाई दे रहा है। इसके बाद अरुण किसी भी कैमरे में न ही कैद हुआ और न ही किसी ने अरुण को देखा।
बताया गया है कि अरुण जैसे बच्चे को नबाब साहब और बाइपास लिंक रोड पर बस को हाथ देते हुए भी देखा गया था। कोतवाली प्रभारी विनय यादव का कहना है कि बच्चे की गुमशुदगी दर्ज कर ली गई है और एक टीम बच्चे की तलाश में लगाई गई है। जो बच्चे की तलाश में जुटी हुई है।
अरुण द्वारा लिखी गई चिट्ठी...
अरुण धाकड़ सर ने मुझे मारा तो मैं अपना घर छोड़कर जा रहा हूं, मैं पापा तुम्हें बहुत चाहता हूं, लेकिन मैं क्या करूं। यही शब्द बालक ने इंग्लिश में भी दोहराए हैं। Sir is beat me so I left my home. I mish my father.
मैं जा रहा हूं इस दुनिया को छोड़कर, I mish you mom/dad
गणेश जी की पूजा करते रहना, मुझे 20/09/23 को मारा था। मां डिब्बे में पैसे रखे थे, वो भी ले जा रहा हूं। Sorry mom/dad