खरगोन: जिले के ऊन थानांतर्गत ग्राम मोठापुरा में बुधवार को घर से खेलने निकले तीन बच्चों की कुंआनुमा गड्डे में डूबने से मौत हो गई। तीनों बच्चे गड्ढे में टायर से तैरने की प्रैक्टिस कर रहे थे। इसी समय ये हादसा हो गया। काफी देर तक घर वापस नही लौटने पर परिजन तलाश करते हुए मौके पर पहुंचे तो वहां तीनों का शव पानी के ऊपर तैरते हुए मिले। परिजन तुरंत उन्हें अस्पताल लेेकर पहुंचे जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। तीनों मासूम आपस में रिश्तेदार है और आदिवासी गांव से है। इस घटना के बाद गांव में मातम छा गया है।
जानकारी अनुसार प्रीतेश (13 साल) पुत्र रामलाल, विक्रम (8 साल) पुत्र घनश्याम, वंश (9 साल) पुत्र रविंद्र निवासी मोटापुरा तीनों बच्चें बुधवार सुबह नौ बजे अपने घर से खेलने के लिए निकले थे। दोपहर ग्यारह बजे तक तीनों घर नहीं लौटे तो परिजनों ने उनकी खोजबीन शुरू की लेकिन बच्चों का पता नहीं चला। वंश के पिता रविन्द्र ने बताया कि हम सुबह से मजदूरी पर गए थे। घर से फोन आने पर पता चला कि तीनों बच्चें स्कूल का समय हो जाने पर भी घर नहीं पहुंचे। फिर इनकी तलाश शुरू की गई। तीनों बच्चों के जूते और चप्पल गायत्री मंदिर के पीछे स्थित गड्ढे के बाहर मिले। ये गड्ढा करीब 5 फीट गहरे है और पूरा पानी से भरा है। कुएं नुमा गड्ढे में देखने पर तीनों के शव पानी में तैरते मिले। लोगों ने तुरंत तीनों बच्चों को बाहर निकाला और पुलिस को सूचना देकर तीनों बच्चों को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। जहां जांच उपरांत डॉक्टर ने तीनों बच्चों को मृत घोतिष कर दिया।
जिला अस्पताल पहुंचे परिजनों ने बताया कि तीनों मासूम आपस में रिश्तेदार है। जिसमें प्रितेश और वंश दो भाईयों के बच्चे है। वहीं विक्रम मामा का लडक़ा है। इनमें विक्रम कक्षा तीसरी, वंश कक्षा पांचवी और प्रितेश कक्षा सातवीं में पढ़ता है। ऊन टीआई गीता सोलंकी ने बताया कि मोटापूरा गांव में तीन बच्चों के डूबने की सूचना उनके परिजनों द्वारा दी गई थी। जांच के लिए एएसआई को घटना स्थल पर भेजा गया। इस घटना के बाद पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर लिया है। मामले की जांच शुरू कर दी है। वहीं एसपी धर्मवीर सिह ने बताया की टंकी निर्माण के दौरान जिस एजेंसी ने गड्ढा खुला छोड़ा, उसके खिलाफ जांच कर कार्रवाई करेंगे। लापरवाह एजेंसी या जो भी दोषी होगा उस पर एक्शन लिया जाएगा।