एमबीबीएस की पढ़ाई को लेकर इस राज्य में पहली बार हो रहा है ऐसा, सितंबर से नई न्यवस्था लागू
हिन्दी भाषी विद्यार्थियों के लिए डॉक्टर बनने का सपना पूरा करना अब और आसान हो जाएगा।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिन्दी भाषी विद्यार्थियों के लिए डॉक्टर बनने का सपना पूरा करना अब और आसान हो जाएगा। आजादी के 75 वर्ष बाद मध्य प्रदेश में हिन्दी भाषा एमबीबीएस पाठ्यक्रम की पढ़ाई का वैकल्पिक माध्यम बनने जा रही है। सितंबर आखिर में शुरू होने वाले नए अकादमिक सत्र से यह कवायद लागू हो सकती है। मध्य प्रदेश ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य होगा।
राज्य के चिकित्सा शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने रविवार को बताया कि नए अकादमिक सत्र में निजी और सरकारी चिकित्सा महाविद्यालयों के एमबीबीएस प्रथम वर्ष के कुल चार हजार विद्यार्थियों को अंग्रेजी के साथ हिन्दी की किताबों से भी पढ़ाई का विकल्प मिल सकता है। एक संबंधित समिति के सदस्य और फिजियोलॉजी के पूर्व सह प्राध्यापक डॉ. मनोहर भंडारी ने बताया कि राज्य में एमबीबीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने वाले 60 से 70 प्रतिशत विद्यार्थी हिन्दी माध्यम के होते हैं।
किताबें तैयार : चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारी ने कहा कि एमबीबीएस प्रथम वर्ष के लिए अंग्रेजी के तीन स्थापित लेखकों की पहले से चल रही किताबों को हिन्दी में अनुवाद करने का काम लगभग पूरा हो चुका है। नए सत्र से ये किताबें विद्यार्थियों को मिल सकती हैं।
मबीबीएस की पढ़ाई हिंदी में भी कर सकेंगे
मध्य प्रदेश में सितंबर सत्र से हो सकता है लागू
1. मध्य प्रदेश हिन्दी भाषा में एमबीबीएस की पढ़ाई कराने वाला पहला राज्य होगा
2. पहले वर्ष के छात्रों के लिए किताबों के अनुवाद का काम लगभग पूरा
3. राज्य में मेडिकल की पढ़ाई अंग्रेजी में भी पहले की तरह जारी रहेगी
4. सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इंदौर में गणतंत्र दिवस के दिन इसकी घोषणा की थी