रायसेन। बढ़े हुए तापमान के साथ ही मप्र मध्य क्षेत्र बिजली कंपनी ने आम आदमी के जेब पर वजन बढ़ाया है। बीते डेढ़ माह से रीडिंग नहीं ली गई और अब ठीक 50 दिन बाद रीडिंग ली तो उपभोक्ता सब्सिडी स्कीम से बाहर हो गए और जिनका बिल 500 रुपए का आता था। उनका सीधा 2000 का आया है। कुल मिलाकर बिजली कंपनी ने जानबूझकर उपभोक्ताओं के साथ छलावा किया है। दरअसल, दो-तीन दिन में ही बिजली कंपनी ने जिलेभर में रीडिंग लेना शुरू किया है। जिसके तहत सभी को बढ़े हुए बिल थमाए जा रहे हैं। शहरों के साथ ही ग्रामीण अंचल में भी यही हाल है। बिजली कंपनी का तर्क है कि डेटा नहीं थे।सॉफ्टवेयर में दिक्कत होने के कारण ऐसी स्थिति निर्मित हुई।
मध्यम तबके को लगा झटका भारी पड़े बिजली बिल.....
वहीं, उपभोक्ताओं ने सीधे तौर पर आरोप लगाए हैं कि बिजली कंपनी ने जानबूझकर ऐसा किया है। उपभोक्ताओं पर भार बढ़ाने के लिए यह मनमानी की गई है। गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों का खर्च बढ़ गया है, उन पर अतिरिक्त बोझ बिजली बिलों का बढ़ा है। दो गुना से अधिक बिल उन्हें थमाए जा रहे हैं। जिससे उन्हें बिल चुकाने में समस्या आ रही है।
शासन स्तर पर सभी उपभोक्ताओं को घरेलू कनेक्शन पर सब्सिडी का लाभ दिया जाता रहा है। इसके लिए जरूरी है कि महीनेभर में 100 यूनिट का उपयोग किया जाए। यानी 100 यूनिट तक बिजली फ्री रहेगी। 101 से 150 यूनिट तक यदि आती है तो फ्री सब्सिडी के अलावा 50 यूनिट का चार्ज टैरिफ के अनुसार लगता है। लेकिन इससे ज्यादा होने पर बिल योजना से बाहर हो जाते हैं और पूरा बिजली बिल थमाया जाता है। यहां बिल ही 50 दिन में जनरेट हुआ है इसलिए सभी की सब्सिडी स्कीम गायब हो गई है।मनमानी का आलम यह है किदो गुना से अधिक बिल थमा दिए गए हैं।पटेल नगर में रहने वाले अनिल कुशवाहा रजनी रघुवंशी बताती हैं कि दो गुना से अधिक का बिल मुझे थमाया गया है। दुकान के साथ ही घर का बिल भी बढ़कर आया है। हम महीनेभर से रीडिंग लेने वालों ने घर आमद दी नही।बढ़ी हुई राशि के बिजली बिल थमा दिए गए ।यह गलत है।