Raisen: माइनिंग महकमे के अधिकारियों की मिलीभगत से चल रहे पत्थर फर्सी, खोड़े के अवैध कारोबार

Update: 2025-02-02 15:25 GMT
Raisen। जिला खनिज विभाग के अधिकारियों के खनिज इंस्पेक्टर्स के संरक्षण में तहसील रायसेन के दर्जनों गांव में सैकड़ो पत्थर फरसी के गड्ढे और खोड़े बनाने का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है ।यहां पत्थर माफियाओं को ना तो कोई रोकने वाला और ना ही टोकने वाला ।अलग-अलग जगह पर सैकड़ो गड्ढे बना रखे हैं ।जहां मिस्त्री, मजदूरों से खोड़े एवं बोल्डर फरसियां बनवाई जा रहीं हैं और पत्थर बोल्डरों फरसियों की कटाई कराई जा रही है ।शाम के समय लोडिंग वाहनों में लोडकर बड़े पत्थर माफिया कोऊंचे दामों में बेच दिए जाते हैं इस तरह फायदे का कारोबार दिन-रात चल रहा है ।ग्रामीणों ने नवागत कलेक्टर अरुण कुमार विश्वकर्मा से इस मामले में उचित कार्रवाई की मांग उठाई है।
यहां चल रही हैं अवैध खदानें....
तहसील रायसेन के याकूबपुर कानपोहरा पाली मूरेल कलां,हकीम खेड़ी,तौर अंधेर फीरोजपुर बड़ोदा आदि 10 दोनों गांव में बहुत आयात में पत्थर फरसी खदाने हैं। इन क्षेत्रों में कई पत्थर खजाने की न्यूज़ और परमिशन नहीं होने की वजह से बंद हो गई है भोपाल के एक बड़े पत्थर खनिज माफिया की खदान भी विवाद में आने से बंद पड़ी हुई है इसकी जगह पर आसपास के एरिया में वर्तमान में सैकड़ो अभी पत्थर खदाने चल रही हैं। इन क्षेत्रों में राजस्व और माइनिंग विभाग की पत्थर फारसी खजाने ज्यादा है कुछ जगह पर वन विभाग की जमीन पर भी पत्थर माफिया की अवैध खजाने और गड्ढे चल रहे हैं बताया जाता है कि यहां खनिज माफिया सहित अशोक दारू की खजाने चल रही है जो पूरी तरह से अवैध है यह खदान अवैध खदान संचालक गांव के ही मजदूर और मिस्त्री कारीगरों को बुलाकर रोजाना के मेहनताने पर पत्थर फरसी और खोड़े की कटाई करवाते हैं। हालांकि ऐसा नहीं है कि जिला प्रशासन और राजस्व,खनिज विभाग के अधिकारियों की इस बारे में पता ना हो ।लंबे अरसे से सब मिलीभगत का खेल चल रहा है। अधिकारियों को बताया जाता है कि हर महीने मोटी रकम मिल रही है। इसलिए शायद वह छापामार कार्रवाई करने नहीं जाते।खनिज, वन विभाग ऑफिस में बैठकर ही खदान संचालकों से मोबाइल से संपर्क कर मोटी रकम बुला लेते हैं।
पत्थर खदानों पर दिन में तैनात रहता है मोबाइलों से खुफिया तंत्र....हर गाड़ी व्यक्ति की आने जाने सूचना मिलती है
बताया जाता है कि इन पत्थर फरसी और खोडों खदानों पर रसूखदार और पत्थर माफियाओं की सूचना तंत्र तैनात रहता है। यह खुफिया तंत्र मोबाइलों से लैस रहता है। यह मुखबिर खनिज माफिया को अधिकारियों की गाड़ी आने और कोई व्यक्ति के गुजरने की सूचना पहले ही मिल जाती है। तो वह फौरन सतर्क हो जाते हैं । इसके बाद में बदले में पत्थर खनिज माफिया उन्हें मोटी रकम भी देते हैं।
इनका कहना है....
खनिज विभाग में स्टाफ की कमी है .फिर भी हमने पिछले दिनों इन अवैध पत्थर खदानों पर छापा मार कार्रवाई की थी .कुछ पत्थर फर्सी खोड़े बनाने वाले पत्थर माफियाओं पर जुर्माने की भी कार्रवाई की थी. हम जल्द ही फिर से टीम बनाकर छापामार कार्रवाई करेंगे .सुमित गुप्ता प्रभारी खनिज अधिकारी |
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