Officer बोले- हर व्यक्ति को कराना चाहिए पानी की जांच

Update: 2024-07-20 12:25 GMT
Raisen रायसेन। इस समय बारिश का मौसम चलने से जलस्त्रोत (कुएं, ट्यूबवेल, हैंडपंप) आदि के पानी में टर्बिडिटी की मात्रा (गंदापन) बढ़ गई है। इस पानी को बिना जांच और उपचार किए सेवन किया तो शरीर में कई तरह की बीमारी फैल सकती है। एक्सपर्ट ने दूषित पानी को शुद्ध कर ही पीने की आमजन को सलाह दी है। जिससे कि शरीर को कोई नुकसान नहीं हो।
पीएचईडी रायसेन के अनुसार पानी में 14 तत्व रहते हैं। इनमें पीएच, टर्बिडिटी, टीडीएस, केल्शियम, मैगनेशियम, एलकिनिकी, क्लोराइड, फ्लोराइड, सल्फेट, आयरन, नाइट्रोजन आदि तत्व शामिल है। इन तत्वों में से किसी एक तत्व की भी कमी रहती है। तो उससे पीने के दौरान नुकसान होने की अशंका रहती है। इसका कई बार लोगों को पता तक नहीं चलता है। वर्तमान में ही बारिश का मौसम चलने से टर्बिडिटी की ज्यादा समस्या आ रही है। पीएचई रायसेन के लैब प्रभारी ने बताया कि पानी में टर्बिडिटी की स्वीकार्य सीमा 5.0 एनटीयू है, लेकिन अभी 50 तक इसकी मात्रा पहुंच गई है। ऐसी स्थिति होने पर पानी में फिटकरी, क्लोरिन डालकर शुद्ध कर सकते हैं या फिर छानकर, उबालकर सेवन कर सकते हैं। बिना उपचार किए गंदे पानी का सेवन किया तो पेट संबंधी ज्यादा बीमारी होगी।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट....
एक्सपर्ट की माने तो दूषित पानी से बीमारी फैलने का सबसे अधिक खतरा रहता है। इससे तभी बचा जा सकता है जब पानी की जांच कराए और किसी तत्व की कमी मिली तो उसे बताए गए उपाय कर दूर करें। वर्तमान में कई लोग लापरवाही दिखाकर पानी जांच कराना तक मुनासिब नहीं समझते हैं। इसका परिणाम उनको ही परेशानी भुगतकर उठाना पड़ता है। पीएचई की तरफ से भी यह लोगों को ज्यादासे ज्यादा संख्या में गन्दा पानी से बचना चाहिए।
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