महापौर ने 10 नई इलेक्ट्रिक बसों को Indore वासियो को किया समर्पित

Update: 2024-12-04 15:59 GMT
Indore इंदौर। इंदौर में बुधवार को यात्रियों के लिए 10 नई इलेक्ट्रिक बसें महापौर पुष्यमित्र भार्गव के द्वारा शहर के नागरिकों को समर्पित कर दी है इसके साथ ही इंदौर में इलेक्ट्रिक बसों की संख्या बढ़कर 50 हो जाएगी। वर्तमान में इंदौर में सीटी रूट और बीआरटीएस मिलाकर 40 बसें चल रही हैं।
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि कंजेशन को खत्म करने के लिए शहरों के अंदर एक स्थान से दूसरे स्थान को कनेक्ट करने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट बहुत महत्वपूर्ण रोल प्ले करती हैं,और अभी 50 नई सिटी बसों में से 10 बसों का शुभारंभ बुधवार को किया है धीरे धीरे इन बसों की संख्या हमारी आवश्यकता जो 900 बसें की है। उसको पूरा करने में हम लगाएंगे इससे इंदौर के ट्रैफिक की समस्या भी हल होगी और पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा भी मिलेगा। आज जो 10 बसें शुरू की हैं उनका रूट राजबाड़ा तेजाजी नगर एवं भंवरकुआ क्षेत्र इसमें रहेगा।
फुल चार्ज में 300-350 किमी चलेगी बस इंदौर में बसें दक्षिण भारत के त्रिची से आई है। बस की खासियत यह है कि गड्‌ढों और स्पीड ब्रेकर पर भी इसमें झटके नहीं लगेंगे। इसके सस्पेंशन वॉल्वो बस की तरह एयर सस्पेंशन हैं। ई-बस में डबल चार्जर सिस्टम है, जिससे बस का चार्जिंग समय आधा हो जाता है। सिंगल चार्जर से अगर बस 6 घंटे में चार्ज होती है, तो डबल चार्जर से यह 3 घंटे में चार्ज हो जाएगी। बस एक बार चार्ज होने पर 300 से 350 किमी तक चलेगी। इसकी सीटिंग अन्य बसों की तुलना में ज्यादा आरामदायक है और यह बिना आवाज के चलती है। इसका पिकअप और ब्रेक कंट्रोल सामान्य बसों से बेहतर है।
सौभाग्य है हमको यदि तिरुमला या तिरुपति भगवान के क्षेत्र की कोई सेवा करने का अवसर किसी भी माध्यम से मिला तो हम बढ़ चढ़कर और पूरे मन से करेंगे- महापौर देश के सबसे मंदिर में सम्मिलित तिरुमला देवस्थानम तिरुपति बालाजी ने वहां की ड्रेनेज व्यवस्था के प्रबंधन के लिए इंदौर से मदद मांगी है। महापौर ने कहा कि इंदौर से दुनिया सीख रही है मैं दुबई में आयोजित कॉप में गया था। तब क्लाइमेट एक्शन प्लान हम रेड्डी करके ले गए थे। जबकि वहां चर्चा थी कि अब शहरों को अपना क्लाइमेट एक्शन प्लान बनाना चाहिए।ऐसे में इंदौर की सफाई और ड्रेनेज व्यवस्था या क्लीनियर जो हमारा प्रोग्राम है यह शहर में दूसरे शहरों के लिए एग्ज़ैम्पल है। और हमारा यह सौभाग्य है हमको यदि तिरुमला या तिरुपति भगवान के क्षेत्र की कोई सेवा करने का अवसर किसी भी माध्यम से मिला हम बढ़ चढ़कर और पूरे मन से करेंगे।
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