Nagda: राष्ट्रसंत श्री सौधर्म बृहद् तपोगच्छीय त्रिस्तुतिक जैन संघ के आचार्य श्रीमद् जयंतसेन सूरीश्वर जी महाराजा के शिष्य मुनिराज श्री सिद्धरत्न विजय जी म.सा. व वचन सिद्धि परम पूज्य साध्वी श्री कल्पलता श्री जी म. सा. की शिष्या साध्वी श्री सौम्यगुणा श्री जी म. सा. को पुण्य सम्राट की पावनतम निश्रा मे सियाणा नगर मे दोनो भाई बहन के आज के दिन संयम जीवन की शुरूआत हुई थी। मगसद सूदी नवमी को 40 वर्ष पूर्ण होकर 41 वे वर्ष मेे प्रवेश पर श्रीसंघो मे धार्मिक आयोजन रखे गये। मुनिराज श्री का आज 56 वॉ जन्मदिवस भी है। मुनिराज श्री का इस वर्ष निर्दौल नगर मे चातुर्मास सम्पन्न कर दक्षिण मे विहार चल रहा है। साध्वी श्री ने श्री राजेन्द्र सूरि जैन किर्ति मंदिर भरतपुर मे एतिहासिक चातुर्मास किया। संयम दिवस निमित्ते आज भरतपुर तीर्थ मे गुरूदेव की अष्टप्रकारी पूजन का आयोजन रखा गया। 6 जनवरी को गुरूसप्तमी महोत्सव गुरूदेव की जन्मस्थली भरतपुर तीर्थ मे निश्रा प्रदान कर साध्वीवर्या आदि ठाणा 3 आगे राजस्थान की ओर विहार करेगे।