चर्चा का बिषय बना मध्य प्रदेश में डायनासोर का दुर्लभ अंडा, सामान्य से 10 गुना बड़ा है आकार
मध्य प्रदेश में डायनासोर का दुर्लभ अंडा
धार। मध्य प्रदेश में खोजा गया एक अनोखा डायनासोर का अंडा इन दिनों चर्चा का बिषय बना हुआ है. इन अंडों के सेट की खोज दिल्ली विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं की एक टीम ने की थी, जिसमें एक अंडे के अंदर दूसरा अंडा पाया गया है.(Rare Dinosaur Egg)
प्रदेश से मिला डायनासोर के 'अंडे-में-अंडा': मध्य प्रदेश के धार जिले के डायनासोर फॉसिल नेशनल पार्क में की गई खोज में यह अंडे टाइटानोसॉर के पाए गए हैं, जो सॉरोपॉड डायनासोर का एक प्रजाति है. इस खोज को दिल्ली विश्वविद्यालय के जर्नल साइंटिफिक रिपोर्ट्स के नए संस्करण में प्रकाशित किया गया है, जिसका शीर्षक है "फर्स्ट डिंब-इन-ओवो पैथोलॉजिकल टाइटानोसॉरिड एग थ्रो लाइट ऑन रिप्रोडक्टिव बायोलॉजी ऑफ सॉरोपॉड डायनासोर". यह पहली बार है कि वैज्ञानिकों ने डायनासोर के अंडे के भीतर अंडे की दुर्लभ घटना का पता लगाया है. सामान्यत: यह केवल पक्षियों में पाया जाता है लेकिन सरीसृपों के मामले में यह डायनासोर का पहला केस है इसलिए यह दुर्लभ है.
ब्रिटेन में मिले 11 करोड़ साल पहले के अंतिम डायनासोरों के पदचिह्नसामान्य से 10 गुना बड़ा है अंडा: रिसर्चर्स की टीम ने असामान्य अंडे सहित 10 अंडों से मिलकर बना एक सॉरोपॉड डायनासोर का घोंसला भी पाया है, जिसमें दो निरंतर और गोलाकार अंडे की परतें थीं. जो एक विस्तृत अंतर से अलग होती हैं, यह डिंब-इन-ओवो यानी एक अंडे के अंदर दूसरा अंडा वाले पक्षियों की पहचान हैं. एक ही घोंसले में पैथोलॉजिकल अंडे के साथ-साथ आसन्न अंडे की सूक्ष्म संरचना ने इसे टाइटानोसॉरिड सॉरोपॉड डायनासोर के साथ पहचान कराई. वैज्ञानिकों ने कहा है कि पहले रिसर्च में कहा है कि डायनासोर का प्रजनन कार्य कछुओं और अन्य सरीसृपों के समान ही होता है.