Raisen: 5 किलो मुफ्त राशन के लिए ढाई किमी चक्कर, दुकानदारों की बहानेबाजी अभी सर्वर डाउन
Raisen। हर महीने मुफ्त राशन योजना अब गरीब हितग्राहियों के लिए महज छलावा साबित हो रही है।कई गरीब हितग्राही ऐसे मिले जो 3 से4 किमी का सफर पैदल और ऑटो से तय कर शहरी क्षेत्र की राशन दुकानों पर पहुंचे।लेकिन कभी राशन डीलरों की पॉश मशीनों के सर्वर डाउन होने की बहानेबाजी तो उनके नखरे।इस सिस्टम पर लेतलाली और परेशानी के चक्कर में हितग्राही चकरघिन्नी बना रहता है।नोडल अधिकारी भी राशन सामग्री की चैकिंग और मॉनिटरिंग नहीं करते।जिससे राशन दुकानों के डीलरों की मनमानी और भी ज्यादा बढ़ जाती है।
सरकारी दावा साबित हो रहा खोखला, गरीबों को नहीं मिल रहा समय पर मुफ्त में राशन.....
शासन की मुफ्त अनाज वितरण याेजना गरीबाें काे छका रही है। चिलचिलाती धूप में पसीने में तरबतर हाेकर मुफ्त अनाज की आस में राशन दुकान जा रहे गरीबाें काे दुकान से बिना राशन दिए ही लाैटाया जा रहा है। जिला खाद्य विभाग के अधिकारी याेजना के तहत जिले में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत व प्रधानमंत्री गरीब कल्याण याेजना में 45 प्रतिशत लाेगाें काे राशन वितरण करना बता रहे हैं। लेकिन जमीनी हकीकत ताे यह है किकई राशन दुकानों पर अब तक कई हितग्राहियों काे मुफ्त अनाज बांटा ही नहीं गया है।
ऐसे में शासन प्रशासन की यह याेजना कैसे कारगर साबित हाेगी। यह बड़ा अहम सवाल है। दरअसल, सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत प्रत्येक हितग्राही काे 4 किलाे गेहूं व 1 किलाे चावल के साथ काेविड के समय बाद में विधानसभा चुनाव2023 के बाद से पीएम नरेंद्र मोदी की घोषणा के बाद से शुरू की गई ।प्रधानमंत्री गरीब कल्याण याेजना के तहत 5 किलाे गेहूं अतिरिक्त मिलना है। याेजना के तहत 1 जून से अनाज वितरण शुरू हाे चुका था।
शासन की याेजना की रियलिटी चैक की ताे पता चला कि वार्ड 8 व वार्ड नंबर 17,9 के कई पात्र हितग्राहियाें काे अब तक राशन बांटना शुरू ही नहीं किया। शहर की कई राशन दुकानें वार्ड से दाे से ढाई किमी दूर संचालित हाे रही है। ऐसे में राशन मिलने की उम्मीद में घर से दुकान तक लंबा चक्कर काट रहे लाेगाें काे परेशान हाेना पड़ रहा है।बताया जाता है कि सरकार की मंशा थी कि एक राशन दुकान महिला स्व सहायता समूह को दुकानें आवंटित होना थी।लेकिन दुकानें आवंटित करने के शहर के सभी वार्डों में होना थी।जिला फ़ूड विभाग के ने कागजी खानापूर्ति की।लेकिन एक राशन दुकान एक दुकानदार का निर्णय फाइलों से आदेश नहीं आ सका।मनमानी का आलम यह है कि राजनैतिक एप्रोच के दम पर एक राशन डीलर के पास दो से तीन दुकानें धड़ल्ले से चलाई जा रही हैं।अनाज चावल की कालाबाजारी का गोरखधंधा जोरों पर है।अधिकारियों का दावा खोखला साबित हो रहा है। अफसरों
लाेग बाेले- ओटीपी की समस्या बता रहे तो कई लोगों से सीधे मना कर रहे।
इनका कहना है..….
यह मामला आपके द्वारा मेरे संज्ञान में आया है।मैं एक राशन दुकान एक डीलर के आदेश का जल्द ही पालन करूंगा।डॉ मोहन सरकार ने भी दुकानें आवंटित कराने के नये आदेश दिए हैं।राजू कटोलकर जिला फ़ूड अधिकारी रायसेन