महाशिवरात्रि के अवसर पर शिप्रा तट पर 15 लाख दीप प्रज्वलित कर गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड स्थापित किया जायेगा
शिप्रा तट पर 15 लाख दीप प्रज्वलित
उज्जैन : बैठक में जानकारी दी गई कि शिप्रा नदी पर दीप प्रज्वलन के लिये सम्पूर्ण घाटों को पांच ब्लॉक में बांटा गया है। इसमें 'ए' ब्लॉक में केदारेश्वर घाट पर दो लाख 77 हजार दीप, 'बी' ब्लॉक सुनहरी घाट पर एक लाख 38 हजार दीप, 'सी' ब्लॉक दत्त अखाड़ा क्षेत्र में चार लाख 32 हजार दीप, 'डी' ब्लॉक रामघाट पर चार लाख 68 हजार दीप तथा 'ई' ब्लॉक भूखी माता की ओर तीन लाख 78 दीपों का प्रज्वलन किया जायेगा।
कार्यक्रम की विस्तार से जानकारी देते हुए अपर कलेक्टर एवं स्मार्ट सिटी सीईओ आशीष पाठक ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर इस बार महाशिवरात्रि पर 18 लाख दीप प्रज्वलित कर शिव ज्योति अर्पण कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा। इस पर्व से शहर को पर्यटन के मानचित्र पर स्थापित करने का प्रयास किया जायेगा। इस कार्यक्रम के व्यापक प्रचार-प्रसार से शहर के लोगों के व्यवसाय एवं रोजगार में बढ़ोतरी होगी। यहां की अर्थव्यवस्था बेहतर होगी। शिव ज्योति अर्पण कार्यक्रम के तहत शिप्रा नदी के घाटों पर दीप प्रज्वलन होगा। सार्वजनिक स्थलों, घर-घर में शहर के सभी मन्दिरों, प्रतिष्ठानों में दीप प्रज्वलित कर एवं विद्युत की साज-सज्जा कर महाशिवरात्रि पर्व मनाया जायेगा।
कलेक्टर ने निर्देश दिये कि शिव ज्योति अर्पण कार्यक्रम में जनभागीदारी के लिये अभी से प्रयास किये जायें। इसमें तीर्थ पुरोहित, पुजारी, अखाड़े, क्षत्रिय मराठा समाज, व्यापारिक संगठन, राजनैतिक दल, सन्त समाज, राठौर समाज, सेन समाज, गुजराती समाज, प्रजापति समाज, अग्रवाल समाज, सामाजिक संस्थाएं, गैर-सरकारी संगठन, कोचिंग संस्थान एवं अन्य संस्थाओं को इस कार्य से जोड़ा जाये। कलेक्टर ने शिव ज्योति अर्पण कार्यक्रम के लिये विभिन्न विभागों को जिम्मेदारी सौंपने के निर्देश दिये। इसमें उज्जैन नगर पालिक निगम को दीप, कपूर, तेल, बत्ती एवं अन्य सामग्री की खरीदी, घाटों पर सामग्री का प्रदाय, घाटों की पेंटिंग, ब्लॉक की मेपिंग, शहर के प्रमुख चौराहों पर एलईडी स्क्रीन लगाना, शहर में होर्डिंग्स-बैनर लगाना, मंच का प्रबंधन करना आदि कार्य सौंपे गये हैं। स्मार्ट सिटी को गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड से सम्बन्धित समस्त कार्य सौंपे गये हैं।
बैठक में जानकारी दी गई कि कार्यक्रम जीरो वेस्ट कार्यक्रम रहेगा। इसमें खाली तेल की बोतलों को पुन: उपयोग करते हुए उद्यान में कुर्सियां, बेंचेस, गमले आदि बनाये जायेंगे। मोमबत्तियों को जलाने के लिये पेपर मैच बॉक्स का उपयोग किया जायेगा। जली हुई रूई की बत्तियों को पुन: उपयोग करते हुए रैन बसेरों के गद्दे-बिस्तर बनाने में इसका उपयोग होगा। खानेपीने के लिये केवल जैव निम्नकरणीय कटलरी व प्लेटों का उपयोग किया जायेगा।