Shahdol,शहडोल: मध्य प्रदेश के शहडोल Shahdol of Madhya Pradesh के एक सरकारी अस्पताल में पीलिया के लिए फोटोथेरेपी करवाने के बाद नौ दिन के बच्चे के परिवार ने आरोप लगाया है कि उसके शरीर पर जलने के घाव हो गए हैं। हालांकि, पुलिस ने शनिवार को बताया कि अस्पताल ने इस आरोप से इनकार किया है। एक अधिकारी ने बताया कि बच्चे के परिवार ने शुक्रवार को सरकारी बिरसा मुंडा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हंगामा किया और पुलिस को इसकी सूचना दी गई। उन्होंने बताया कि नवजात को इलाज के लिए कुशाभाऊ ठाकरे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। सोहागपुर थाने के इंस्पेक्टर भूपेंद्र मणि पांडे ने बताया कि बच्चे का जन्म 23 अगस्त को बिरसा मुंडा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हुआ था और डॉक्टरों ने पीलिया के इलाज के लिए उसे फोटोथेरेपी मशीन में रखा था।
हालांकि, बच्चे के चेहरे और पीठ पर कथित तौर पर जलन हो गई, जिसके बाद परिवार ने हंगामा किया और आरोप लगाया कि डॉक्टरों ने गलत इलाज किया है। बिरसा मुंडा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के चिकित्सा अधिकारी डॉ. नागेंद्र सिंह ने बताया कि 25 अगस्त को बच्चे को फोटोथेरेपी मशीन में रखा गया था। डॉ. सिंह ने दावा किया कि बच्चे की पीठ और चेहरे पर चकत्ते दिखाई देने लगे थे। उन्होंने दावा किया कि त्वचा रोग विशेषज्ञों ने पाया कि बच्चे को त्वचा संबंधी सिंड्रोम है और उसका हीमोग्लोबिन स्तर सामान्य से कम है। डॉ. सिंह ने कहा, "हमने परिवार को उसे बेहतर उपचार के लिए जबलपुर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल ले जाने की सलाह दी थी, लेकिन इसके बजाय उन्होंने अस्पताल में हंगामा खड़ा कर दिया।"