माता आनंदमयी पीठ पर पांच दिवसीय मातृ जन्म महोत्सव का समापन

Update: 2023-05-12 11:25 GMT

इंदौर न्यूज़: गुरु के प्रति कृतज्ञता व्यक्त नहीं करना भी एक दोष है. अज्ञान और मोह की कुंभकर्णी निंद्रा से गुरु ही मुक्त करा सकते हैं. सदगुरु की कृपा के बिना संसार के विषयों का त्याग नहीं हो सकता. यह विचार स्वामी केदारनाथ ने माता आनंदमयी पीठ पर चल रहे मातृ जन्म महोत्सव के समापन पर कही. माता आनंदमयी पीठ पर पांच दिवसीय मातृ जन्म महोत्सव में पीठ के अध्यक्ष स्वामी केदारनाथ महाराज ने मां आनंदमयी से जुड़े प्रेरक व भावपूर्ण संस्मरण भी सुनाए. समापन दिवस पर तड़के 3 बजे से ही भक्तों का आगमन शुरु हो गया था. मां आनंदमयी के 128वें जन्मोत्सव व भगवान पूर्ण ब्रह्मनारायण प्राकट्य दिवस के उपलक्ष्य में सैकड़ों भक्तों ने श्रीयंत्र का कुमकुम से पूजन-अभिषेक किया. वेदांत सम्मेलन में महामंडलेश्वर स्वामी विरागानंद ने कहा कि वेदों का निचोड़ अपने स्वरूप को जानने में है.

धर्म के लिए धन है, धन के लिए धर्म नहीं

अमरकंटक से आए स्वामी योगेश्वरानंद ने कहा कि जो लोग शास्त्र से नहीं मानते हैं, उनके लिए शस्त्र उठाना भी पुण्य का काम होता है. धर्म के लिए धन है, धन के लिए धर्म नहीं. आचार्य रामस्वरूप ने कहा कि ज्ञान से अधिक पवित्र वस्तु कोई और नहीं है. त्याग, श्रद्धा और वैराग्य के बिना परम शांति नहीं मिल सकती. भक्ति के साथ शक्ति का भी जागरण होना चाहिए. हम पशुओं से भी बदतर हो गए हैं. राष्ट्र, धर्म और संस्कृति के शत्रुओं से मुकाबले के लिए हमें संगठित होना पड़ेगा.

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