मध्य-प्रदेश: हाईकोर्ट ने रासुका निरस्त कर लगाई 10 हजार रुपये की कास्ट, कहा- लगाते समय दिमाग का इस्तेमाल करें
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मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की डिविजन बेंच ने पुलिस, प्रशासन द्वारा लगाई गई रासुका को निरस्त करते हुए 10 हजार रुपये की कास्ट लगाई है। कोर्ट ने पुलिस, प्रशासन को लताड़ते हुए कहा कि रासुका लगाते समय पुलिस, प्रशासन को अपने दिमाग का इस्तेमाल करना चाहिए। किसी के मौलिक अधिकारों का हनन तो नहीं हो रहा। रासुका नहीं लगाई तो क्या वाकई में कानून-व्यवस्था बिगड़ जाएगी। इस तरह की स्थिति का आंकलन करना चाहिए।
पुलिस ने रणवीर उर्फ रमन के खिलाफ बीते मई महीने में रासुका लगाई थी। उसकी तरफ से अधिवक्ता अंशुमान श्रीवास्वत ने पैरवी की थी। रणवीर पर तीन केस थे। इनमें दो मारपीट के थे। एक केस में समझौता भी हो चुका है। पुलिस ने रासुका का प्रस्ताव बनाकर प्रशासन को भेज दिया। प्रशासन ने उसे रासुका में निरूद्ध कर दिया। इस पर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई। डिविजन बेंच ने रासुका के मामलों में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसलों का उल्लेख किया। रासुका निरस्त करने के साथ ही 10 हजार रुपये की कास्ट भी लगाई जो याचिकाकर्ता को मिलेगी।