मध्यप्रदेश: 1106 डॉक्टरों की डिग्री संकट में, मेडिकल काउंसिल ने दिया 15 दिन का वक्त

Update: 2022-03-10 10:37 GMT

भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज सहित इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, रीवा के चिकित्सा महाविद्यालयों से एमबीबीएस और पीजी की पढ़ाई पूरी करने के बाद सैकडों छात्र बिना बंधपत्र की सेवाएं दिए और बॉन्ड की राशि जमा किए बिना चले गए। इस मामले में मेडिकल काॅलेजों में छात्रों की निगरानी के लिए बॉन्ड मैनेजमेंट का कोई सिस्टम नहीं था। दो साल पहले मप्र मेडिकल काउंसिल के तत्कालीन रजिस्ट्रार डॉ.सुबोध मिश्रा ने पड़ताल शुरू कराई तो पता चला कि दस साल पहले पासआउट हुए छात्र बॉन्ड नियमों का पालन किए बिना ही गायब हो गए। मेडिकल काउंसिल की सख्ती के बाद मेडिकल कॉलेजों के डीन ने डॉक्टरों को नोटिस जारी किए। बाॅन्ड नियमों का पालन न करने वाले डॉक्टरों के खिलाफ अब कार्रवाई की तैयारी चल रही है। लेकिन मेडिकल कॉलेजों में हुई इस चूक के जिम्मेदारों के प्रति चिकित्सा शिक्षा विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर पाया।

किस मेडिकल कॉलेज के कितने डॉक्टरों के पंजीयन होंगे कैंसिल

मेडिकल कॉलेज MBBS डॉक्टर पीजी डिप्लोमा धारी पीजी डिग्री धारी कुल डिफाल्टर डॉक्टर

MGM इंदौर 61 131 94 286

GMC भोपाल 88 121 120 329

SMCH रीवा 25 58 72 155

NSCB जबलपुर 51 43 56 150

GRMC ग्वालियर 65 43 78 186

कुल 290 396 420 1106

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