टपकती छत, स्कूल में छाता लगा कर पढ़ते बच्चे

Update: 2022-07-27 11:52 GMT

लखनादौन। मध्य प्रदेश सरकार लगातार आदिवासी बहुल विधानसभा क्षेत्रों में विकास के बड़े-बड़े दावे करती नजर आती है। लेकिन बरसात की पहली बारिश ने ही इन खोखले दावों की पोल को खोल कर रख दिया है। टूटी सड़कों, स्कूल में बने स्विमिंग पूल के बाद अब स्कूल की टपकती छत के नीचे छाता लेकर पढ़ने को मजबूर बच्चों की तस्वीर ने सरकार के इन सारे दावों को झूठला दिया है। दरअसल, सिवनी जिले के लखनादौन विधानसभा अंतर्गत आदिवासी क्षेत्र के विकास खंड घंसौर में स्कूल की एक ऐसी ही तस्वीर सामने आई है।

जिला मुख्यालय से महज 7 किलोमीटर दूर प्राथमिक शाला खैरी कला संचालित होता है बरसों पुराने इसी स्कूल में स्थिति बद से बदतर हो चुकी है। जर्जर स्कूल की छत से टपकते पानी से बचने के लिए छात्र हाथ में छाता लेकर पढ़ने को मजबूर हैं। अभिभावकों की माने तो अधिकांश स्कूली छात्र सिर्फ इसलिए स्कूल नहीं आते क्योंकि स्कूल बारिश के दिनों में टपकता है बच्चे भीग जाते हैं। बहरहाल जैसे तैसे टपकती छत के नीचे बैठकर छतरी लगाकर अध्ययन करने वाले यह छात्र प्रदेश सरकार के द्वारा संचालित होने वाली उन योजनाओं को प्रदर्शित कर रहे हैं जो धरातल तक नहीं पहुंची है।

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