पवित्र तीर्थ स्थलों की सूची में दर्ज होगा कुंडलपुर, CM शिवराज सिंह चौहान ने किया एलान
कुंडलपुर के आसपास 7 किलोमीटर में मांस, मदिरा और अनैतिक गधिविधियों को बैन किया जाने वाला है.
कुंडलपुर के आसपास 7 किलोमीटर में मांस, मदिरा और अनैतिक गधिविधियों को बैन किया जाने वाला है. शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने एलान किया कि कुंडलपुर को पवित्र स्थल के रूप में नोटिफाई किया जाएगा. बता दें कि कुंडलपुर मध्य प्रदेश का सबसे पवित्र जैन तीर्थ स्थल है. सीएम शिवराज आज पत्नी संग कुंडलपुर महोत्सव में शामिल होने पहुंचे थे.
सीएम ने दावा कि 2006 में बड़े बाबा को बड़े सिंहासन पर विराजमान कराने के लिए उन्होंने अपनी सरकार को दांव पर लगा दिया था. दोपहर में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंत्रिमंडल सहयोगी गोपाल भार्गव और ओमप्रकाश सकलेचा के साथ महोत्सव स्थल पहुंचे. इस मौके पर कुंडलपुर कमेटी ने चांदी का मुकुट पहनाकर स्वागत किया और चांदी का प्रशस्ति पत्र सौंपा. शिवराज सिंह चौहान ने आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज के चरणों में श्रीफल भेंटकर आशीर्वाद लिया.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कुंडलपुर अब पवित्र तीर्थ स्थलों की सूची में दर्ज होगा. उन्होंने 17 जनवरी 2006 की तारीख को याद करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री का पद संभाले सिर्फ दो महीने हुए थे. तभी आचार्यश्री ने बड़े बाबा को बड़े सिंहासन पर विराजमान करने का भाव किया. कलेक्टर, एसपी और सभी कानूनविद चेतावनी दे रहे थे कि ऐसा हुआ तो सरकार जा सकती है. मैंने तय कर लिया सरकार जाए तो चली जाए, लेकिन आचार्यश्री की भावना के अनुसार बड़े बाबा को बड़े सिंहासन पर विराजमान करके रहेंगे. शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पिछले चुनाव में हमारी सरकार चली गई थी. हमने सोचा अब पांच साल तक विपक्ष में बैठना है, लेकिन बड़े बाबा आदिनाथ भगवान और छोटे बाबा आचार्यश्री की कृपा से मुझे दोबारा मुख्यमंत्री पद मिला. मैं भाग्यशाली हूं कि बड़े बाबा के भव्य और दिव्य मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा मेरे कार्यकाल में हो रही है.
आचार्यश्री को प्रणाम किए बिना घर से नहीं निकलते शिवराज
उन्होंने कहा कि सरकार के संचालन में कभी कभी कुछ अड़चनें आती हैं. कुछ फैसले लेने में परेशानी होती है. ऐसे में मैं आचार्यश्री की तस्वीर के सामने ध्यान लगाने बैठता हूं और मेरी सारी समस्याओं का हल मिल जाता है. शिवराज ने दावा किया कि आचार्यश्री को प्रणाम किये बिना घर से नहीं निकलते. चौहान ने पहली बार आचार्यश्री से कहा कि सभी के प्रति करूणा रखने वाले अपने शरीर के प्रति इतने निर्मोही क्यों हैं? उन्होंने मानवता की भलाई के लिये आचार्य का रहना बहुत जरूरी बताया.
इंडिया नहीं भारत बोलने को किया जाए प्रचलति- आचार्यश्री
आचार्यश्री ने संक्षिप्त प्रवचन में कहा कि भारत के गौरवशाली इतिहास को सामने लाना जरूरी है. उन्होंने कहा कि अब इंडिया नहीं भारत बोलने को प्रचलित किया जाना चाहिए. आचार्यश्री ने दावा किया कि कोरोना जैसी महामारी का इलाज भारतीय आयुर्वेद के पास ही है. आचार्यश्री के प्रवचन से पहले निर्यापक मुनिश्री सुधासागर जी महाराज ने सुझाव दिया कि कुंडलपुर के 100 किलोमीटर क्षेत्र को पशुओं का अभ्यारण्य घोषित किया ताकि जहां अभ्यारण्य में पशु निर्भय होकर विचरण कर सकें. कुंडलपुर महोत्सव में कल भगवान आदिनाथ का ज्ञान कल्याणक महोत्सव मनाया जाएगा. सुबह से ही धार्मिक अनुष्ठान शुरू होंगे. दोपहर में आचार्यश्री समोशरन में बैठकर प्रवचन देंगे.