मिलेगा न्याय या फिर दी जाएगी तारीख...आज ओबीसी आरक्षण पर हाईकोर्ट में अहम सुनवाई

ओबीसी आरक्षण को बढ़ाकर 27 फीसदी किए जाने के मामले में बुधवार को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में सुनवाई होगी

Update: 2022-04-27 05:13 GMT
जबलपुर। ओबीसी आरक्षण को बढ़ाकर 27 फीसदी किए जाने के मामले में बुधवार को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में सुनवाई होगी. यह सुनवाई चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं पर की जाएगी. ओबीसी आरक्षण मामले की सुनवाई जस्टिस शील नागू व जस्टिस मनिंदर सिंह भट्टी की डिवीजन बेंच में होगी. हाईकोर्ट ने कई मामलों में ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण देने पर रोक लगाई है. आज इस मामले में अंतिम सुनवाई होना नियत किया गया है. (mp high court on obc reservation)
2019 में दायर हुई थी याचिकाः ओबीसी आरक्षण मामले में 2019 में आशिता दुबे की ओर से याचिका दायर की गई थी. अधिवक्ता आदित्य संघी ने हाईकोर्ट को बताया कि इस बारे में सुप्रीम कोर्ट के इंदिरा साहनी के प्रकरण में स्पष्ट दिशा-निर्देश हैं कि किसी भी स्थिति में कुल आरक्षण 50% से अधिक नहीं होना चाहिए. इसके बावजूद भी मध्य प्रदेश में ओबीसी को 27 और ईडब्ल्यूएस को 10 वीं सदी मिलाकर कुल आरक्षण 73% हो रहा है. मध्यप्रदेश शासन की ओर से नियुक्त विशेष अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर, विनायक शाह ने बताया कि इस मामले में राज्य सरकार ने अभी तक हाईकोर्ट में 11 मापदंडों पर आधारित मात्रात्मक डाटा दाखिल नहीं किया गया है.
मध्यप्रदेश शासन की ओर से ओबीसी आरक्षण मामले में पैरवी कर रहे अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर ने कोर्ट को बताया था कि आरक्षण को जस्टिफाई करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों के परिपालन में मात्रात्मक डाटा अति आवश्यक है. (reservation in mp)
एमपी में आरक्षण का गणितः मध्यप्रदेश में अभी 50 फीसदी आरक्षण. लेकिन कमलनाथ सरकार ने ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत का अध्यादेश लाकर आरक्षण की सीमा को 13 प्रतिशत बढ़ा दिया था और प्रदेश में आरक्षण 63 फीसदी हो गया था. सामान्य वर्ग को मिल रहे 10 फीसदी आरक्षण को मिलाकर आरक्षण की सीमा 73 फीसदी हो गई थी. हालांकि कोर्ट ने बढ़े हुए 13 फीसदी आरक्षण पर रोक लगा दी.
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