मुरैना में दारोगा ने क्वार्टर में लगाई फांसी, पुलिस ने जताई यह आशंका

Update: 2023-09-30 12:59 GMT
उज्जैन | पूर्व सहायक आबकारी आयुक्त और शराब ठेकेदार ने मिलीभगत करते हुए शासन को 4 करोड़ 60 लाख 77 हजार का आर्थिक नुकसान पहुंचा दिया। मामले में लोकायुक्त ने दोनों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की है।
लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक अनिल विश्वकर्मा ने बताया कि पूर्व सहायक आबकारी आयुक्त और वर्तमान उपायुक्त सागर प्रमोद कुमार झा ने वर्ष 2015-16 में शराब ठेकेदार पवन जयसवाल के साथ मिलकर शासन को 4 करोड़ 60 लाख 77 हजार से अधिक का चूना लगाते हुए भ्रष्टाचार किया है। मामले की शिकायत मिलने के बाद दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम में प्रकरण दर्ज किया गया है।
प्रारंभिक जांच करने पर पाया गया कि राजपत्र में प्रकाशित नियमों के अनुसार किसी दुकान की पाक्षिक बेसिक लाइसेंस फीस, वार्षिक लाइसेंस फीस का भुगतान बकाया होने पर शराब दुकान की मदिरा प्रदाय नहीं की जा सकती। शराब ठेकेदार पवन जायसवाल द्वारा सितंबर 2015 से ही मदिरा ड्यूटी फीस जमा नहीं की गई। फीस की राशि जनवरी 2016 तक लगातार बढ़ती रही। तत्कालीन सहायक आबकारी आयुक्त प्रमोद कुमार झा ने ठेकेदार के साथ मिलीभगत करते हुए सिर्फ कारण बताओ नोटिस जारी किए और ठेकेदार पवन जयसवाल का नियमानुसार लाइसेंस निरस्त नहीं किया।
मार्च 2016 तक शेष राशि बढ़कर 4 करोड़ 60 लाख 77 हजार 600 हो गयी, ऑडिट रिपोर्ट में भी इस तथ्य को रेखांकित किया गया है। बावजूद सहायक आबकारी आयुक्त प्रमोद झा द्वारा ठेकेदार को सपोर्ट करते हुए अन्य दुकानों से शराब उपलब्ध कराई गई। आबकारी अधिकारी ने अपने पद का दुरूपयोग कर ठेकेदार को लाभ पहुंचाते हुए शासन को आर्थिक नुकसान पहुंचाकर भ्रष्टाचार किया है। मामले में अब अन्य ठेकेदारों के साथ आबकारी विभाग के तत्कालीन अधिकारी और कर्मचारियों की भूमिका की जांच विवेचना के दौरान की जायेगी। शराब ठेकेदार पवन जायवाल देहरादून, उत्तराखण्ड का रहने वाला है। मुरैना
मुरैना में शनिवार को एक दारोगा ने सरकारी क्वार्टर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। यह बागचीनी थाना कैम्पस में बने सरकारी क्वार्टर की घटना है। दारोगा दोपहर 12 बजे तक क्वार्टर से बाहर नहीं निकले तो स्टाफ ने दरवाजा खटखटाते हुए आवाज लगाई। अंदर से कोई जवाब नहीं आने पर पुलिस वालों ने दरवाजा तोड़ दिया। अंदर दारोगा का शव फंदे से लटक रहा था।
घटना की जानकारी मिलते ही जिला मुख्यालय से एएसपी व फॉरेंसिक की टीम मौके पर पहुंची। अधिकारियों की मौजूदगी में शव को फंदे से उतारकर पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया गया है। आत्महत्या की वजह अभी स्पष्ट नहीं हुई है। पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
जानकारी के अनुसार एएसआई राकेश यादव बागचीनी थाने में पदस्थ थे। उनकी फैमिली मुरैना स्थित पुलिस लाईन के सरकारी आवास में रहती है। एएसआई राकेश यादव थाना कैम्प्स में बने सरकारी क्वार्टर में अकेले रहते थे। आज सुबह 12 बजे तक वे अपने क्वार्टर से बाहर नहीं निकले तो स्टॉफ ने दरवाजा खट-खटाते हुए आवाज लगाई। अंदर से कोई जवाब नहीं आने पर पुलिसकर्मियों को शंका हुई। इसके बाद उन्होंने दरवाजा तोड़कर अंदर देखा, तो दंग रह गए।
कमरे के अंदर दरोगा का शव फंदे पर झूल रहा था। उन्होंने तत्काल इसकी सूचना थाना प्रभारी को दी। थाना प्रभारी ने मौके पर पहुंचकर इस घटना से वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया।एएसपी डॉक्टर अरविंद ठाकुर व एफएसएल डॉक्टर की टीम मौके पर पहुंच गई।
इसके बाद फोरेंसिक एक्सपर्ट डॉ सतीश मान ने शव का बारीकी से निरीक्षण करने के बाद पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया। पुलिस के अनुसार प्रारंभिक पड़ताल में पता चला है कि मृतक एएसआई राकेश यादव मूल रूप से हरियाणा के रहने वाले थे। दो साल पहले हरियाणा में उनके भतीजे का मर्डर हो गया था। तभी से वे डिप्रेशन में रहने लगे थे। एएसपी डॉ अरविंद ठाकुर का कहना है कि एएसआई पारिवारिक कलह की वजह से कुछ दिनों से डिप्रेशन में चल रहे थे। इसकी वे दवा भी ले रहे थे। फिलहाल मर्ग कायम कर मामले की जांच की जा रही है।
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