Indore: चालू वित्त वर्ष के बीच में अचल सम्पत्ति के गाइडलाइन में वृद्धि की गई

हर तीन माह में गाइडलाइन में संशोधन के मुख्यमंत्री के सुझाव पर पंजीयन विभाग ने शुरू की तैयारी

Update: 2024-10-04 09:33 GMT

इंदौर: पिछले दिनों मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घोषणा की थी कि अचल सम्पत्तियों की गाइडलाइन एक साल में ही क्यों बढ़े, बल्कि तीन-तीन महीने में उनकी समीक्षा होना चाहिए और अगर बाजार दर बढ़ती है तो उसके अनुरूप गाइडलाइन में भी संशोधन किया जा सकता है। नतीजतन पंजीयन विभाग ने इस पर अमल शुरू करने के लिए ऐसे स्थानों की सूची तैयार की है जहां पर इस वित्त वर्ष में सबसे अधिक जमीनों-भूखंडों या अन्य सम्पत्तियों की खरीद-फरोख्त हुई या नए प्रोजेक्ट भी आए। लगभग ऐसे 300 स्थानों पर बढ़ सकती है गाइडलाइन और अगर ऐसा होता है तो यह पहला मौका होगा जब चालू वित्त वर्ष के बीच में गाइडलाइन में वृद्धि की गई हो। इसकी प्रक्रियाहालांकि हर साल 1 अप्रैल से लागू होने वाली गाइडलाइन की तरह ही विभाग को करना पड़ेगी।

अचल सम्पत्तियों की गाइडलाइन साल में एक बार संशोधित की जाती है और जनवरी से इसकी प्रक्रिया विभाग शुरू करता है, ताकि नए वित्त वर्ष यानी 1 अप्रैल से इसे लागू किया जा सके, जो कि वर्षभर यानी 31 मार्च तक जारी रहती है। मगर यह पहला मौका होगा जब वित्त वर्ष के बीच में स्थान विशेष की गाइडलाइन बढ़ाई जा सकती है। दरअसल, मुख्यमंत्री ने पिछले दिनों इस तरह की मंशा जाहिर की थी, खासकर इंदौर या ऐसे शहरों में, जहां पर अचल सम्पत्तियों की खरीद-फरोख्त में बीते कुछ समय में वृद्धि हुई है। इंदौर का रियल इस्टेट कारोबार भी बीते दो सालों से नई ऊंचाइयों पर रहा है और अभी नवरात्रि से तो रजिस्ट्रियों की संख्या में भी वृद्धि होगी और अब आने वाले दिन बड़े त्योहारों के हैं ही। वरिष्ठ जिला पंजीयक दीपक शर्मा के मुताबिक मुख्यालय से मिले निर्देश के तहत उन इलाकों को चिन्हित किया जा रहा है, जहां पर सबसे अधिक रजिस्ट्रियां हुई हैं तथा अचल सम्पत्तियों की कीमतों में भी वृद्धि दर्ज की गई है।

इंदौर जिले में लगभग 5 हजार लोकेशन यानी स्थान हैं जहां पर गाइडलाइन लागू है, उनमें से उन स्थानों को चिन्हित किया जा रहा है जहां पर इस वित्त वर्ष यानी अप्रैल से लेकर अब तक अधिक रजिस्ट्रियां हुई हैं तथा बाजार दर में भी वृद्धि देखी गई है, वहीं कुछ नए प्रोजेक्टों को भी शामिल किया गया है। दरअसल, कॉलोनाइजर-डेवलपरों द्वारा भी अपने प्रोजेक्टों की जानकारी देते हुए गाइडलाइन लागू करने की मांग की जाती है। इसके लिए जिला मूल्यांकन समिति की बैठक से लेकर अन्य सभी प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इधर, सूत्रों का कहना है कि हालांकि शासन स्तर पर लिखित में इसके निर्देश प्राप्त नहीं हुए हैं। मगर चूंकि मुख्यमंत्री ने घोषणा की है इसलिए विभाग अपनी तैयारी में जुटा है और अगर इस पर अमल होता है तो यह पहला मौका होगा, जब बीच वित्त वर्ष में गाइडलाइन में संशोधन हुआ हो। इंदौर-उज्जैन रोड के अलावा बायपास, सुपर कॉरिडोर, खंडवा रोड, राऊ-बिजलपुर सहित ऐसे शहर के कुछ एरिया हैं जहां पर सबसे अधिक अचल सम्पत्तियों के रेट बढ़े हैं।

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