धार के कारम बांध के क्षतिग्रस्त होने मामले में जांच कमेटी ने सौंपी रिपोर्ट, गिर सकती हैं जिम्मेदार इंजीनियरों पर गाज
मध्य प्रदेश के धार में 304 करोड़ के कारम बांध के क्षतिग्रस्त होने के मामले में जांच केमेटी ने रिपोर्ट सौंपी है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मध्य प्रदेश के धार में 304 करोड़ के कारम बांध के क्षतिग्रस्त होने के मामले में जांच केमेटी ने रिपोर्ट सौंपी है। इस रिपोर्ट में कई बड़े खुलासे हुए हैं। रिपोर्ट के अनुसार बांध का काम करने वाली एजेंसी ने स्पेशिफिकेशन का ध्यान रखे बिना ही बांध तैयार को किया था।
बता दें कि एजेंसी ने 210 में खड़े होने वाले स्ट्रक्चर को 90 दिन में ही खड़ा कर दिया। बांध की क्षमता 45 एमसीएम थी। लेकिन 15 एमसीएम पानी भरने के बाद ही रिसवा शुरू हो गया। साथ ही बांध की दीवार के बीच में काली मिट्टी डालना था और इसके दोनों साइट पत्थर और मुरम से कवर करना था। लेकिन काली मिट्टी में भी पत्थर मिला दिया गया। इसी कारण बांध में पानी भरने पर रिसाव शुरू हो गया।
दरअसल धार जिले में बांध की दीवार में दरार पड़ने की बात सामने आई थी। जिसके बाद यह आशंका जताई जा रही थी कि यहां बांध में आई यह दरार भारी विपदा का रूप ले सकती है। इसके चलते प्रशासन ने बांध के निचले क्षेत्र में बसे 18 गांवों को तुरंत खाली करवाकर यहां रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के निर्देश दिए थे।
इसके बाद बांध में बायपास चैनल बनाकर पानी को निकाला गया। इस मामले को लेकर राज्य शासन ने 4 सदस्यीय कमेटी बनाई थी। और कमेटी को पांच दिवस में बांध क्षतिग्रस्त होने के कारणों पर रिपोर्ट बनाकर देने को कहा गया था। जिसके बाद कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। अनुमान लगाया जा रहा है कि इस मामले में जल संसाधन विभाग के जिम्मेदार इंजीनियरों पर कार्रवाई की जा सकती है। इससे पूर्व में सरकार ने धार के करम बांध के निर्माण में शामिल दो कंपनियों को ब्लैकलिस्ट कर दिया था।
बांध में आई दरार के दौरान हुए रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कारम बांध को बहने से बचाने वाले पोकेलेन मशीनों के ड्राइवर के सम्मान किया था। सम्मानित निधि के तौर पर अभी को 2-2 लाख के चेक दिए गए थे।