Raisen रायसेन। कड़ाके की सर्दी का असर आमजनों की सेहत पर भी पड़ने लगा है।बदलते मौसम भी इसमें अहम कारण है।इसीलिए आलम यह है कि जिलेभर में Jजिला अस्पताल में 5 मरीज हार्ट अटैक के रैफर होकर इलाज के लिए दाखिल हो रहे हैं।
ब्लड प्रेशर और हार्ट अटैक से बचने के उपाय.....,
जिला अस्पताल के मेडिकल ऑफिसर डॉ. एमएल अहिरवार डॉ सौरभ जैन ने बताया कि मौसमी बीमारियों से बचने के लिए डॉक्टरों के पास तत्काल इलाज के लिए जाना चाहिए।क्योंकि लापरवाही से गंभीर बीमारी हो सकती है। ब्लड प्रेशर और हार्ट अटैक से बचने के लिए इम्यूनिटी को मजबूत रखना जरूरी है। डॉ. अहिरवार डॉ जैन ने कहा कि सर्दियों में लोग नहाने के तरीके में बदलाव कर सकते हैं। नहाते समय पहले पैर और फिर कंधे पर पानी डालें, उसके बाद सिर को भिंगाएं। सीधे सिर पर पानी डालने से दिल के दौरे और पैरालाइसिस का खतरा बढ़ सकता है।
बुजुर्गों को एलर्जिक ब्रोंकाइटिस का खतरा....
कड़ाके की ठंड में बुजुर्गों को एलर्जिक ब्रोंकाइटिस और वायरल बुखार का खतरा अधिक होता है। इसमें पहले बुखार आता है, फिर खांसी और फेफड़ों की नली में सूजन आ जाती है। जिससे सांस लेने में परेशानी होती है। इस बीमारी का समय पर इलाज न करने से इम्यूनिटी कमजोर हो सकती है और अन्य गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं।
हार्ट अटैक से एक साल में 27 मौतें...
जिला अस्पताल में पिछले एक साल में हार्ट अटैक से लगभग 27 लोगों की साइलेंट और अन्य दिल के दौरा पड़ने से जान नहीं बचाई जा सकी। डॉक्टरों के मुताबिक, नवंबर से फरवरी तक हार्ट अटैक की घटनाएं अधिक होती हैं। इसलिए इस मौसम में खासतौर पर दिल के मरीजों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।
जिले में कड़ाके की ठंड का दौर फिर से शुरू हो गया है। ठंड के चलते कार्डियक अरेस्ट (हार्ट अटैक) की घटनाओं में तेजी से इजाफा हो गया है। ठंड के कारण दिल से जुड़ी समस्याएं बढ़ रही हैं और इस समय रोजाना जिला अस्पताल में 4 से 5 मरीज हार्ट अटैक के कारण पहुंच रहे हैं। इसके लिए लोगों सतर्क जागरूक और सावधानी बरतने की सलाह डॉक्टरों ने दी है।