रायसेन। ग्रीष्मकालीन दलहनी फसल मूंग सहित अन्य फसलों में अब माहू कीट लगने लगे हैं। माहू कीट लगने से दलहनी फसलों की गुणवत्ता और उत्पादन दोनों के प्रभावित होने की प्रबल आशंकाएं हैं। मौसम में आएदिन हो रहे बदलाव के चलते लगभग हर सप्ताह ही एक से दो दिन बादल छा रहे हैं। इससे किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें स्पष्ट नजर आ रही है। कृषि विज्ञान केंद्र नकतरा के प्रभारी डॉ स्वप्निल दुबे के अनुसार अंचल में लगभग हर दूसरे और तीसरे दिन मौसम में बदलाव हो रहा है। आसमान में बदाल छाए रहने से दलहनी, तिलहनी फसलों को ज्यादा नुकसान होगा।
रायसेन तहसील क्षेत्र सहित जिलेभर में गेहूं की फसल के बाद किसानों ने मूंग की फसल की बोवनी कर दी है। अभी से मूंग के पौधों में इल्ली लगना प्रारंभ हो गई है। मौसम में आए दिन हो रहे बदलाव की वजह से ग्रीष्मकालीन मूंग फसल में इल्ली प्रकोप बढ़ रहा है।पैमत के किसान बदामी पटेल हेमराज पटेल द्वारका पटेल गोपाल सिंह परसौरा के किसान भाव सिंह गौर रामचरण अहिरवार सहित अन्य किसानों का कहना है कि वे कीटनाशक का छिडक़ाव भी कर रहे, लेकिन इल्ली नियंत्रित नहीं हो रही है। ग्रीष्मकालीन मूंग फसल में सफेद बैंगनी रंग की मारूका इल्ली का प्रकोप देखा जा रहा है। इससे किसान चिंतित नजर आ रहे हैं।