Damoh: सुबह तीन बजे तक चला मूर्ति विसर्जन, बरसते पानी में दी गई बप्पा को विदाई

Update: 2024-09-18 07:13 GMT
Damoh दमोह: दस दिनों तक चले गणेशोत्सव का मंगलवार को अनंत चतुर्दशी पर समापन हो गया। श्रद्धालुओं ने बारिश में भीगते हुए पूरे भक्ति भाव से बप्पा को विदाई दी और गणपति बप्पा मोरया... अगले बरस तू जल्दी आ के जयकारे लगाए। दमोह में सुबह 3 बजे तक प्रतिमाओं का विसर्जन चलता रहा।
मंगलवार को दिनभर बारिश का सिलसिला जारी रहा, लेकिन श्रद्धालुओं का उत्साह देखने लायक था। युवा डीजे की धुन पर नाचते-गाते हुए उत्सव में शामिल थे। शहर के फुटेरा तालाब, पुरैना तालाब, बेलाताल और पाठक कॉलोनी तालाब में प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया, जहां दोपहर से लेकर देर रात तक विसर्जन का क्रम चलता रहा। फुटेरा तालाब में दोपहर 12 बजे से ही प्रतिमाओं का विसर्जन शुरू हो गया था। छोटे-छोटे बच्चे अपने परिवार के साथ प्रतिमाओं का विसर्जन करने पहुंचे और घाटों पर आरती-पूजन कर मूर्तियों का विसर्जन किया।
पुलिस बल और एसडीआरएफ के जवान नाव के साथ तैनात
सुरक्षा की दृष्टि से शहर के सभी तालाबों में पुलिस बल और एसडीआरएफ के जवान नाव के साथ तैनात थे। इस बार तालाब के घाटों पर चारों ओर बैरिकेड्स लगाए गए थे। पूजन सामग्री डालने के लिए अलग से एक कुंड भी बनाया गया था, ताकि तालाब में कचरा न फैले। इस दौरान अधिकारी मोटरबोट पर बैठकर तालाब के एक घाट से दूसरे घाट का निरीक्षण कर रहे थे। शाम 5 बजे से बड़ी प्रतिमाओं का आना शुरू हुआ, जिन्हें बड़ी-बड़ी नावों के सहारे तालाब के बीच ले जाकर विसर्जित किया गया। रात 9 बजे तक फुटेरा तालाब में 15 बड़ी प्रतिमाओं का विसर्जन हो चुका था, जबकि बाकी प्रतिमाएं चल समारोह के साथ धीरे-धीरे घंटाघर से आगे बढ़ रही थीं।
हवन-पूजन और भंडारे का आयोजन
शहर के पंडालों में विराजमान प्रतिमाएं घंटाघर से होते हुए चल समारोह के रूप में फुटेरा तालाब पहुंचीं। इसके पूर्व, पंडालों में हवन-पूजन और भंडारे का आयोजन किया गया। शहर की सभी बड़ी गणेश प्रतिमाओं का चल समारोह घंटाघर से होकर गुजरा। इस दौरान भगवान श्री गणेश की प्रतिमाओं को सुसज्जित वाहनों में सवार किया गया, जबकि डीजे की धुन पर युवा थिरक रहे थे।
कलाकारों ने हैरतअंगेज करतब दिखाए
तेज बारिश के बावजूद, घंटाघर पर अखाड़े के कलाकारों ने हैरतअंगेज करतब दिखाए। यहां हिंदू गर्जना मंच द्वारा आकर्षक साज-सज्जा और मूर्तिकला के लिए कलाकारों और गणेश उत्सव समिति के पदाधिकारियों को पुरस्कृत किया गया। इसके अलावा, अखाड़ों के कलाकारों को भी शील्ड और मेडल प्रदान कर सम्मानित किया गया। इस दौरान देर रात तक प्रतिमाओं के विसर्जन का सिलसिला चलता रहा, और सुबह 3 बजे सिटी नल पर विराजमान अंतिम गणेश प्रतिमा का विसर्जन हुआ।
Tags:    

Similar News

-->